साभार: जागरण समाचार
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के इरादे से सरकार जीएसटी में छूट देने पर विचार कर रही है। इस मंशा के अनुसार किसी भी वस्तु या सेवा की खरीद पर डिजिटल पेमेंट किया जाता है तो लोगों को दो फीसद की रियायत
मिलेगी। हालांकि सरकार के खजाने पर अच्छा खासा भार पड़ेगा। वित्त मंत्रलय का मानना है कि छूट देने से सालाना 10 से 25 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में दो प्रतिशत छूट (एक प्रतिशत सीजीएसटी और एक प्रतिशत एसजीएसटी) देने का एक प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल को भेजा है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में काउंसिल की 10 नवंबर को गुवाहाटी में हुई बैठक के एजेंडा में यह प्रस्ताव शामिल किया गया था। हालांकि समय का अभाव होने के चलते इस पर चर्चा नहीं हो पायी थी। इससे पहले काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने भी 30 अक्टूबर को इस पर विचार किया था लेकिन इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई। वैसे केंद्र के इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रलय के अधिकारियों की राय भी जुदा है। उनकी चिंता इस प्रस्ताव के चलते होने वाली राजस्व हानि को लेकर है। सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रलय का अनुमान है कि डिजिटल भुगतान पर अगर जीएसटी में दो प्रतिशत की छूट दी जाती है तो इससे सरकार के खजाने को 10,800 करोड़ों रुपए से लेकर के करीब 26,000 करोड रुपए तक राजस्व हानि हो सकती है। मंत्रलय का यह अनुमान सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रलय के आंकड़ों पर आधारित है। आइटी मंत्रलय के अनुसार वर्ष 2016-17 में कुल 1076 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे और प्रत्येक ट्रांजैक्शन का औसत मूल्य 1833 रुपये है। ऐसे में मंत्रलय का मानना है कि अगर वर्ष 2017-18 में कुल ट्रांजैक्शनों की संख्या बढ़कर 1800 करोड़ हो जाए और ट्रांजैक्शन की औसत राशि 1500 रुपये से 1800 रुपये हो तो इससे खजाने पर 10,800 रुपये से लेकर 26,000 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने कार्ड, वॉलेट और ऑनलाइन भुगतान करने पर जीएसटी में दो प्रतिशत छूट का प्रस्ताव किया है। प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर अधिकतम छूट सिर्फ 100 रुपये की होगी। हालांकि यह सुविधा कंपोजीशन स्कीम के तहत पंजीकृत व्यक्तियों को उपलब्ध नहीं होगी।
ऐसे मिलेगी छूट:
- वस्तु या सेवा की कीमत - 5000 रुपये
- नकद भुगतान पर देय कर - 900 रुपये (18 फीसद)
- ई-पेमेंट पर दो फीसद छूट के बाद कर - 800 रुपये (16 फीसद)
- ग्राहकों के लिए बचत - 100 रुपये (अधिकतम)