साभार: भास्कर समाचार
प्रद्युम्न हत्याकांड में पुलिस द्वारा आरोपी बनाया गया बस कंडक्टर अशोक बुधवार शाम करीब साढ़े 7 बजे जमानत पर जेल से बाहर निकला। अपने गांव घामड़ौज पहुंचकर अशोक ने बताया कि प्रद्युम्न की हत्या कबूल
करवाने के लिए पुलिस ने उसे काफी टॉर्चर किया था। उसे करंट लगाया गया और खाना भी नहीं दिया। इस प्रताड़ना से टूटकर बेसुध हालत में उसे पुलिस की बात माननी पड़ी थी। उसने कहा कि प्रद्युम्न के पिता वरुण ने सीबीआई जांच की मांग की थी, जिससे पूरा मामला सामने आया। ऐसा नहीं होता तो शायद उसे जमानत नहीं मिलती। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी यादव ने उसे 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। कोर्ट ने उसे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जमानत दी है। उसे संदेह का लाभ मिला है।