साभार: जागरण समाचार
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी स्मॉग के कहर से बचाव के लिए पानी का छिड़काव करने सहित अन्य कई निर्देश दिए हैं। हालात को आपात स्थिति करार देते हुए न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट और संजीव सचदेव की पीठ ने सरकार से कहा
कि कृत्रिम वर्षा कराने के लिए वह ‘क्लाउड सीडिंग’ के विकल्प पर विचार करे। अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह शहर में जहां तक संभव हो निर्माण कार्यो को प्रतिबंधित करने पर विचार करे। वाहनों के लिए ‘सम-विषम’ फामरूला लागू करे। अदालत ने केंद्रीय पर्यावरण सचिव को निर्देश दिया कि वह तीन दिन में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों संग बैठक कर प्रदूषण तत्काल कम करने की योजना बनाएं।
पराली न जलाएं हरियाणा-पंजाब: स्मॉग यानी धूल, धुआं और प्रदूषण मिश्रित विषैली धुंध के कारण राजधानी दिल्ली में प्रदूषण आपातकाल जैसी स्थिति बन गई है। लगातार तीसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी को स्मॉग की घनी चादर अपने आगोश में लिए रही। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने निर्माण कार्यो, औद्योगिक गतिविधियों और ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी भी सूरत में पराली यानी खेतों में धान की फसल के अवशेष न जलाए जाएं।