Friday, November 24, 2017

बांबे हाईकोर्ट के रिसीवर को 'सहारा' की एम्बी वैली की नीलामी कराने का निर्देश

साभार: जागरण समाचार 
सहारा समूह की एम्बी वैली की संपत्ति की नीलामी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट के नियुक्त रिसीवर को इस मामले के आधिकारिक लिक्विडेटर की मदद करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र और जस्टिस
रंजन गोगोई और जस्टिस एके सीकरी ने गुरुवार को बांबे हाईकोर्ट के आधिकारिक लिक्विडेटर को रिसीवर की मदद करने को कहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि एम्बी वैली की सभी संपत्तियों की नीलामी हो जाए। खंडपीठ ने कहा है कि हम चाहते हैं कि संपत्ति नीलाम हो जाए। तब तक नीलामी में मदद करने के लिए हम बांबे हाईकोर्ट के रिसीवर को नियुक्त कर रहे हैं। उन्हें यह काम तब तक देखना होगा जब तक यह पूरा नहीं हो जाता है। 
खंडपीठ ने नीलामी कराने के लिए नियुक्त किये गए आधिकारिक लिक्विडेटर को निर्देश दिया है कि नीलामी कराने के संबंध में वह निर्देश कंपनी के जज या फिर बांबे हाईकोर्ट से लें। उल्लेखनीय है कि सहारा समूह को निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये में से मूलधन 9000 करोड़ रुपये देना बकाया है। सहारा इसे चुकाने के लिए कोर्ट से 18 महीने की मोहलत मांग चुका है। सर्वोच्च अदालत ने विगत 12 अक्टूबर को सहारा समूह पर नीलामी में बाधा डालने पर चेताया था कि जो कोई भी इस काम में बाधा डालेगा वह अदालत की अवमानना का दोषी होगा और उसे जेल भेज दिया जाएगा।
सेबी के आरोपों का संज्ञान लेते हुए अदालत ने कहा कि सहारा समूह को पुणो के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) से कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए थी जबकि नीलामी का मुद्दा सर्वोच्च अदालत के आदेश से चल रहा है। सेबी का आरोप है कि पुलिस ने संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया है जिससे कोई भी नीलामी प्रक्रिया में बोली लगाने को राजी नहीं है। सेबी ने यह भी कहा कि एक पत्र अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी भेजा गया था।