साभार: भास्कर समाचार
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को निर्देश जारी कर कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय समेत देशभर के 300 से ज्यादा कॉलेज अब अपने सिलेबस में बदलाव कर सकते हैं। यूजीसी ने इन सभी
कॉलेजों के प्रिंसिपल से बैठक में यह फैसला लिया था। सभी कॉलेजों को इस बाबत निर्देश भेज दिए गए हैं। इन कॉलेज के स्वायत्त संस्थान बनने पर भी यूजीसी की तरफ से फंडिंग जारी रहेगी। स्वायत्तता मिलने के बाद सभी कॉलेजों के पास पाठ्यक्रम निर्धारित करने का अधिकार होगा। ये कॉलेज स्वयं वित्तपोषित पाठ्यक्रम भी शुरू कर सकेंगे। हालांकि दाखिले की प्रक्रिया के दौरान उन्हें आरक्षण की नीति का पालन करना होगा। यूजीसी के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय समेत देशभर के अलग-अलग शिक्षक संघ विरोध जता रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद के सदस्य राजेश झा ने कहा कि यह फैसला छात्रों के भविष्य से खेलने जैसा है। इस फैसले से शिक्षा के क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। हर स्वायत्तता प्राप्त कॉलेज अपने हिसाब से कोर्स में बदलाव करेगा जिसका असर छात्रों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यूजीसी को अपना यह निर्णय वापस ले लेना चाहिए।