साभार: भास्कर समाचार
जालंधर से 44 किलोमीटर दूर पंजाब की सबसे बड़ी सोने की मंडी है अप्परा। यहां के गार्मेंट्स शॉपकीपर चमन लाल (65) की गुरु नानक देव जी पर अपार आस्था है।
वह हर साल गुरुपर्व पर 3 दिन सब तेरा-तेरा (ईश्वर का) बोलकर 700 रुपए का सामान भी 13 रुपए में बेच देते हैं। वह 5 साल से ऐसा कर रहे हैं। आम दिनों में भी रोज 3 घंटे दुकान खोलते हैं और सामान पर 20 रुपए से ज्यादा मुनाफा नहीं कमाते।
ऐसा करने के पीछे चमन लाल ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी सुल्तानपुर लोधी के मोदीखाने में सब तेरा-तेरा कहकर एक समान अनाज तौला करते थे। इससे शिक्षा मिलती है कि दूसरों की मदद करने से कभी भी कोई चीज कम नहीं होती। वह बताते हैं कि 5 साल पहले एक ग्राहक ने गुरुपर्व का हवाला देकर रेट कम करने को कहा था। तभी से वह ऐसा कर रहे हैं। जत्थेदार राजिंदर सिंह ने बताया कि चमन लाल इलाके में काफी फेमस हैं। उनका परिवार बंटवारे के समय पाकिस्तान से आया था। उनकी दुकान में पैंट, शर्ट, जैकेट, बेल्ट, लेडीज चप्पल और बच्चों के कपड़े मिलते हैं। आम दिनों में भी 300 रुपए कमाने पर दुकान बंद कर देते हैं। क्लासमेट रहे नंबरदार ज्ञान सिंह ने बताया कि चमन बचपन में भी सब्जी के दाम निकल आने पर दुकान की बची सब्जी फ्री दे देते थे। सरपंच दिनेश कुमार बताते हैं कि चमन हिंदू हैं लेकिन उनकी सिख धर्म पर अपार आस्था है। गुरुद्वारा कलगीधर साहिब अपरा के प्रधान कुलदीप सिंह जौहल ने कहा कि चमन लाल बिजनेसमैन हैं पर वह लोगों की भलाई की ही सोचते हैं। चमन लाल की पत्नी शकुंतला कपूर बताती हैं कि एक दिन वह अपने लिए 1000 रुपए की जैकेट लाईं अगले दिन वह उसे ले गए और 13 रुपए में बेच अाए। बेटे अजय कपूर का अपना कारोबार है। बेटी रीना की शादी हो चुकी है। हमें और क्या चाहिए।
ये है स्ट्रेटजी - न घाटा, न मुनाफा: चमनलाल ने िबजनेस की अपनी अलग स्ट्रेटजी भी समझाई। कहा, मान लीजिए... मैंने 100 रुपए के हिसाब से 10,000 रुपए में 100 पीस कपड़ा खरीदा। फिर 84 पीस को 20 रुपए मुनाफे के साथ 120 रुपए प्रति पीस बेच देता हूं। इससे 10080 रुपए मेरी लागत निकल अाई। बचे 16 पीस गुरुपर्व पर बेचने को निकाल कर रख लेता हूं। इससे मुनाफा होता है घाटा। मैंने डेढ़ घंटे में 150 लोगों को 13 रुपए के हिसाब से 3250 रुपए में 250 पीस बेचे। इन्हीं कपड़ों को आम दिनों में 75 रुपए पीस के हिसाब से 18750 रुपए में बेचता।