Thursday, December 14, 2017

मिड डे मील की जानकारी SMS से नहीं देने वाले इंचार्ज का रोका जाएगा वेतन, केवल 3 फीसदी स्कूल ही दे रहे रिपोर्ट

साभार: जागरण समाचार 
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील खाने वाले विद्यार्थियों के बारे में एसएमएस से मिड डे मील इंचार्ज जानकारी नहीं दे रहे हैं। शिक्षा विभाग एसएमएस से जानकारी नहीं देने वालों पर अब शिकंजा कसेगा। अगले माह
जानकारी नहीं देने वालों का वेतन रोका जाएगा। विभाग 20 दिसंबर तक 100 फीसद एसएमएस से जानकारी देने का लक्ष्य रखा है। जिसको लेकर मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गये हैं। गौरतलब है कि मिड डे मील में कितने विद्यार्थियों ने खाना खाया, कितने अनुपस्थित रहे। इसकी जानकारी पर एसएमएस करके जानकारी देनी थी। ताकि नई व्यवस्था के बाद फर्जी आंकड़े पेश कर गड़बड़ी न की जा सके।
ये है मिड डे मील योजना: सरकारी स्कूलों में सितम्बर 2004 में मिड-डे-मील योजना शुरू की गई। जिसमें पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दोपहर के समय भोजन दिया जाता है। जिसमें अलग अलग दिन पोषाहार दिया जाता है।  
  • सरकारी स्कूलों में मिड डे मील खाने की एसएमएस करके प्रतिदिन जानकारी देना जरूरी है। मिड डे मील खाने की एसएमएस से जानकारी नहीं देने वाले इंचाजरें का वेतन रोकने के निर्देश मिले हैं। - डा. यज्ञदत वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी सिरसा

कैसे लगेगा फर्जी आंकड़ों पर अंकुश: सरकारी स्कूलों में प्रतिदिन एसएमएस के जरिए मिड डे मील में विद्यार्थियों की उपस्थिति संबंधी जानकारी देने की अनिवार्यता की हुई है ताकि योजना में फर्जी आंकड़ों पर अंकुश लगे। मगर स्कूल प्रभारी व मिड डे मील इंचार्ज अपनी मनमर्जी के अनुसार रजिस्टर में मिड डे मील के लाभार्थियों की संख्या लिख देते हैं। योजना के तहत छुट्टी के दिनों में भी भोजन देने का प्रावधान रहा, लेकिन अधिकतर जगह यह स्थिति थी कि ग्रामीण इलाकों में विद्यार्थी पहुंचते ही नहीं थे, लेकिन प्रभारी योजना के बराबर संचालन को दिखाने के लिए मनमर्जी से आंकड़े दर्ज करते रहे हैं।
15544 पर एसएमएस कर रहे प्रदेश के 3 फीसद स्कूल: सरकारी स्कूलों में संबंधित स्कूल इंचार्ज या स्कूल के मिड डे मील इंचार्ज को प्रतिदिन भोजन के बाद टोल फ्री नंबर पर जानकारी देनी होगी। एसएमएस के जरिए नंबर पर यह बताया जाना है था कि आज स्कूल में मिड डे मील योजना में कितने छात्र आए, उनमें से कितने छात्रों ने भोजन किया है। कितने अनुपस्थित रहे हैं। प्रदेश के 3 फीसद स्कूल ही मिड डे मील के संदर्भ में जानकारी दे रहे हैं। जबकि बाकी सरकारी स्कूल जानकारी देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं।