Monday, December 18, 2017

दुबई सुपर सीरीज: एक बार फिर खिताब से चूकीं पीवी सिंधू

साभार: जागरण समाचार 
शीर्ष भारतीय शटलर पीवी सिंधू रविवार को फिर फाइनल की बाधा पार करने में नाकाम रहीं और उन्हें फाइनल्स में विश्व की नंबर दो जापानी खिलाड़ी अकाने यामागुची के खिलाफ रोमांच की पराकाष्ठा तक पहुंचे
खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। सत्र के इस आखिरी और प्रतिष्ठित फाइनल में सिंधू ने फिर से अपना जोश और जज्बा दिखाया, लेकिन शुरुआती बढ़त के बावजूद आखिर में उन्हें यामागुची से 21-15, 12-21, 19-21 से हार ङोलनी पड़ी। यह मुकाबला एक घंटा, 34 मिनट तक चला। सिंधू खिताब जीतने के करीब पहुंच गई थीं, लेकिन तीसरे बड़े टूर्नामेंट में उन्हें उप विजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा। वह पिछले साल रियो ओलंपिक और इस साल ग्लास्गो विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में भी हार गई थीं। अगस्त में ग्लास्गो में खेले गए विश्व चैंपियनशिप के फाइनल जैसी स्थिति रविवार को यहां भी थी जब फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक बन गया और आखिरी क्षणों में दोनों खिलाड़ियों को अपने दमखम और जज्बे की कड़ी परीक्षा देनी पड़ी।
पहला गेम जीतीं सिंधू: सत्र का अपना चौथा फाइनल खेल रहीं सिंधू ने बेहतरीन स्मैश से अपना पहला अंक बनाया, लेकिन दो गलतियों और बेसलाइन पर गलत आकलन का उन्हें नुकसान हुआ और यामागुची 3-2 से आगे हो गईं। जापानी खिलाड़ी ने नेट के सहारे एक और अंक हासिल किया, लेकिन सिंधू ने बेहतरीन क्रॉस कोर्ट स्मैश से स्कोर 5-5 से बराबर कर दिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद शटल बाहर मार दी और नेट ने फिर से यामागुची का साथ दिया, जिससे वह 7-5 से बढ़त पर आ गईं। जापानी खिलाड़ी ने क्रॉस कोर्ट रिटर्न से एक और अंक बनाया, लेकिन इसके बाद सिंधू ने लगातार छह अंक बनाकर मैच का नक्शा बदल दिया। जब स्कोर 8-8 से बराबरी पर था तब दोनों खिलाड़ियों के बीच 33 शॉट की लंबी रैली देखने को मिली। ब्रेक के समय सिंधू तीन अंक से आगे थीं और इसके बाद उन्होंने दो अंक हासिल करके 13-8 से बढ़त बना दी। यामागुची ने तीन अंक बनाकर स्कोर 11-14 किया, जिसमें एक सफल विडियो रेफरल भी शामिल है। इसके बाद एक अवसर पर सिंधू के हाथ से रैकेट फिसल गया और अगली बार उन्होंने शॉट नेट पर मार दिया जिससे स्कोर 13-14 हो गया। यामागुची हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाईं और उन्होंने शॉट बाहर मार दिया। सिंधू ने दो बेहतरीन रिटर्न जमाए और फिर से पांच अंक की बढ़त बना दी। भारतीय को आखिर में सात गेम प्वाइंट मिले। यामागुची ने दो गेम प्वाइंट बचाए, लेकिन सिंधू के क्रॉस कोर्ट स्मैश का उनके पास जवाब नहीं था। भारतीय ने इस तरह से 23 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया।
सिंधू ने दूसरे गेम में आक्रामक शुरुआत की और जल्द ही 5-0 से बढ़त बना दी। यहां पर भारतीय खिलाड़ी को सर्विस में गलती के कारण अंक गंवाना पड़ा और फिर उनका शॉट भी बाहर चला गया। सिंधू ने इसके बाद भी दो गलतियां कीं और यामागुची को 7-8 से अपने करीब पहुंचने का मौका दिया। जापानी शटलर ने इसके बाद अगला अंक आसानी से हासिल करके स्कोर 8-8 से बराबर कर दिया।
नहीं निकल सकीं साइना से आगे: इस मैच से पहले सिंधू का यामागुची के खिलाफ रिकॉर्ड 5-2 था। इनमें शुक्रवार को ग्रुप चरण के आखिरी मैच की जीत भी शामिल थी। इस साल अपना चौथा सुपर सीरीज फाइनल खेल रहीं सिंधू इस तरह से साइना नेहवाल से आगे निकलने में नाकाम रहीं, जिन्होंने 2011 में फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन उन्हें भी अपनी हमवतन भारतीय की तरह रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। ज्वाला गुट्टा और वी दीजू की मिक्स्ड डबल्स जोड़ी भी 2009 में उप विजेता रही थी। सिंधू ने इस साल इंडिया ओपन और कोरिया ओपन के रूप में दो सुपर सीरीज खिताब जीते थे।
51 शॉट की लंबी रैली: निर्णायक गेम में भी सिंधू ने शुरू में 4-0 से बढ़त बनाई। इस बीच इन दोनों के बीच 51 शॉट की रैली भी देखने को मिली। यामागुची ने फिर से अच्छी वापसी की और स्कोर 5-5 से बराबर कर दिया। सिंधू फिर से 8-6 से आगे थीं और मध्यांतर तक उन्होंने तीन अंक की बढ़त बना रखी थी। छोर बदलने के बाद यामागुची ने अंतर 10-11 से कम किया, लेकिन भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद से सलाह लेने के बाद सिंधू एक अंक हासिल करने में सफल रहीं। जब स्कोर 13-12 था तब सिंधू फिर से लाइन पर चूक गईं और यामागुची ने स्कोर बराबर कर दिया। फिर से लंबी रैली चली। सिंधू के शटल बाहर मार देने से यामागुची ने दो अंक बनाए, लेकिन भारतीय शटलर ने क्रॉस कोर्ट स्मैश से स्कोर 15-15 कर दिया। सिंधू फिर से लाइन पर चूक गईं, लेकिन क्रॉस कोर्ट स्मैश और यामागुची के गलत ड्रॉप शॉट से मैच को बराबरी पर ले आईं। यामागुची ने शानदार रिटर्न से स्कोर 19-18 कर दिया। सिंधू अपनी प्रतिद्वंद्वी की गलती से 19-19 से स्कोर बराबर करने में सफल रहीं, लेकिन भारतीय खिलाड़ी इसके बाद नेट पर खेल गईं, जिससे यामागुची को चैंपियनशिप प्वाइंट मिल गया। सिंधू का रिटर्न नेट पर लगने के साथ ही जापानी खिलाड़ी ने खिताब जीत दिया।