साभार: भास्कर समाचार
जाट आरक्षण की मांग को लेकर फरवरी 2016 में हुए आंदोलन के दौरान मुरथल में दुष्कर्म के 9 मामले हुए। कोर्ट के सहयोगी (एमिकस क्यूरी) वकील अनुपम गुप्ता ने गुरुवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में यह
खुलासा किया। हरियाणा के पूर्व डीजीपी ने इस बात को माना है कि दुष्कर्म के 9 मामले हुए। इसकी जानकारी सीनियर आईएएस अफसर विजय वर्धन ने खुद उन्हें दी। जस्टिस अजय कुमार मित्तल जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने मामले पर छह नवंबर के लिए जिरह जारी रखते हुए सुनवाई तय की है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान अनुपम गुप्ता ने कोर्ट में कहा कि उन्हें आईएएस अफसर अशोक खेमका का फोन आया था। उस समय वे हाईकोर्ट में ही थे। खेमका ने कहा कि वर्धन उनसे बात करना चाहता है। वर्धन उस समय अपने बीमार पिता को देखने में व्यस्त थे। इसके बाद वर्धन ने फोन कर बताया कि डीजीपी केपी सिंह ने खुद उन्हें बताया था कि मुरथल में 9 दुष्कर्म के मामले हुए। गुप्ता ने कहा कि उनकी कॉल डिटेल्स से यह जानकारी हासिल की जा सकती है कि वर्धन ने उन्हें फोन किया था।
अनुपम गुप्ता ने कहा कि प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट फाइनल करने के सिलसिले में केपी सिंह और वर्धन की मीटिंग हुई थी। वर्धन कह चुके हैं कि उनकी अनुपम से बात नहीं हुई। गुप्ता ने कोर्ट में कहा कि सुखदेव ढाबे के मालिक अमरीक सिंह ने मीडिया को दुष्कर्म की जानकारी दी थी लेकिन एसआईटी से इनकार किया था। सीबीआई को जांच के लिए दिया जाता तो अमरीक कई अहम खुलासे करता। पहले गुप्ता ने हाईकोर्ट में कहा था कि एडीशनल चीफ सेक्रेटरी विजय वर्धन ने खेमका के जरिए उनसे बात की थी। हाईकोर्ट ने भी जनवरी में कहा था कि तथ्यों से साफ है कि दुष्कर्म हुआ है।