साभार: भास्कर समाचार
दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अब हरियाणा-पंजाब और चंडीगढ़ में भी पटाखों पर प्रतिबंध की तैयारी है। गुरुवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए हरियाणा-पंजाब के होम सेक्रेटरी
चंडीगढ़ के प्रशासन को नोटिस जारी किया है। इनसे पूछा गया है कि पटाखों की बिक्री के लिए कितने परमानेंट और टेंपरेरी लाइसेंस जारी किए गए हैं। जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने मामले पर शुक्रवार के लिए सुनवाई तय की है। शनिवार से हाईकोर्ट में दिवाली की छुट्टियां हो रही हैं। बेंच ने वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता को सुनवाई में सहयोग करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। जस्टिस अमित रावल ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, लेकिन लुधियाना, अमृतसर और पंचकूला की हालत भी अच्छी नहीं हैं। पटाखों पर बैन लगना चाहिए। चीफ जस्टिस एसजे वजीफदार ने पत्र पर संज्ञान लिया। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि दिवाली के समय लोग 10 बजे के बाद घर से बाहर सांस नहीं ले सकते। दो दिन में हवा में भारीपन सा है। आसमान में प्रदूषण का धुंआ दिख रहा है। जस्टिस रावल ने चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में कहा कि सांस लेने में दिक्कत झेलने वाले लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए यह सही समय है कि दिवाली पर पॉल्यूशन लेवल को कम करने की दिशा में प्रयास किए जाएं। इसमें संदेह नहीं कि स्कूल और स्वयंसेवी संस्थाएं बच्चों को जागरूक कर रही हैं। बावजूद इसके अस्पतालों में दमा और बर्न इंजरी के मामलों को देखते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है। जस्टिस रावल ने बुधवार को यह पत्र लिखा और गुरुवार को उनके ही बेंच में यह मामला सुनवाई के लिए पहुंच गया और शुक्रवार के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।