साभार: जागरण समाचार
समझौता एक्सप्रेस धमाका मामले में सुनवाई एक बार फिर टल गई है। वीरवार को पंचकूला बार एसोसिएशन की स्ट्राइक के चलते दोनों पक्षों के वकीलों की कोर्ट में एंट्री नहीं हो पाई। अब विशेष एनआइए अदालत ने सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की है। अब उस दिन तय होगा कि अदालत पाकिस्तानी राहिला के वकील की अर्जी को मुकदमे की कार्रवाई में शामिल करेगी या फिर पहले की सुनवाई के आधार पर ही फैसला सुनाया जाएगा। करीब 12 साल पुराने समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में 11 मार्च को फैसला एेन वक्त पर रुक गया था। पाकिस्तान की एक महिला राहिला ने अपने वकील द्वारा गवाही का मौका देने की मांग करने वाली अर्जी अदालत दी थी। राहिला के वकील एडवोकेट मोमिन मलिक द्वारा अर्जी दिए जाने के बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की। अाज इस अर्जी पर विचार किया जाना था। अदालत को अभी यह तय करना है कि अर्जी को मामले की सुनवाई का हिस्सा बनाया जाए या नहीं। आज दोनों पक्षों के वकील अदालत में पहुंचे लेकिन पंचकूला बार एसोसिएशन में वकीलों की हड़ताल थी। इसके कारण दोनों पक्षों के वकीलों की एनआइए कोर्ट में एंट्री नहीं हो पाई। अब अदालत ने इस मामले में राहिला की अर्जी पर सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की है। दूसरी तरफ, राहिला वकील के एक दस्तावेज पर दस्तखत को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। एडवोकेट मोमिन मलिक ने कहा है कि उन्हें ईमेल के जरिए राहिला वकील की अर्जी मिली है और वह पिछले 10 साल से दूसरे केसों में राहिला के वकील हैं। ऐसे में उन्हें अपनी मुवक्किल की तरफ से पैरवी करने का पूरा अधिकार है। अब 18 मार्च को तय होगा कि आखिर राहिला वकील की अर्जी इस मुकदमे में विचाराधीन रखी जाएगी या फिर अदालत अब तक की गवाहियों और सुनवाई के आधार पर अपना फैसला सुनाएगी।