साभार: जागरण समाचार
ब्रेक्जिट को लेकर शुक्रवार को तीसरी बार संसद में मुंह की खाने के बाद टेरीजा मे सरकार एक बार फिर अपना प्रस्ताव लेकर सांसदों के समक्ष जा सकती है। टेरीजा की कंजरवेटिव पार्टी के अध्यक्ष ब्रैंडन लेविस ने कहा है कि
ब्रेक्जिट (यूरोपीय यूनियन से अलगाव) को लेकर सभी विकल्प खुले हुए हैं।
इस बीच मीडिया में चर्चा है कि टेरीजा जल्द ही अपने पद से इस्तीफा दे सकती हैं और अंतरिम प्रधानमंत्री को सरकार का चौथा ब्रेक्जिट मसौदा पेश करने का मौका दिया जा सकता है। इससे ब्रेक्जिट को लेकर निर्धारित प्रक्रिया थोड़ा और टल सकती है। फिलहाल यह तिथि 22 मई निर्धारित की गई है।
ब्रिटेन में ब्रेक्जिट को लेकर सरगर्मियां चरम पर हैं। यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलगाव को लेकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। ब्रेक्जिट के समर्थकों और विरोधियों के बीच अजीब का द्वंद्व चल रहा है। दोनों ही पक्ष सड़क पर उतरकर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुके हैं।
यूरोपीय यूनियन ने ब्रिटेन से ब्रेक्जिट प्रस्ताव मिलने की तारीख 12 अप्रैल तय कर रखी है। इसके बाद वह प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। इस लिहाज से ब्रिटेन सरकार को चंद रोज में संसद में चौथी बार मसौदा प्रस्ताव पेश करने की तारीख का एलान करना पड़ सकता है।
इस बीच ईयू प्रशासन ने कहा है कि ब्रिटिश संसद के ब्रेक्जिट प्रस्ताव पारित न करने की स्थिति ब्रिटेन बिना किसी समझौते के भी यूरोपीय यूनियन से बाहर जा सकता है। लेकिन ब्रेक्जिट का यह तरीका विशेषज्ञ ब्रिटेन के लिए हितकर नहीं मानते।
इस बीच विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जर्मी कॉर्बिन ने कहा है कि टेरीजा अपना ब्रेक्जिट मसौदा बदलें या फिर पद छोड़ें। सरकार का घटक दल डीयूपी भी टेरीजा के ब्रेक्जिट प्रस्ताव से सहमत नहीं है। ऐसे में टेरीजा के मूल प्रस्ताव पर ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से अलगाव मुश्किल लग रहा है। ईयू के प्रेसिडेंट डोनाल्ड टस्क ने दस अप्रैल को होने वाली यूरोपीय कौंसिल की बैठक में राह निकलने की उम्मीद जताई है।
भारतीय मूल की प्रीति और स्वेला ने भी किया विरोध: भारतीय मूल के दो सांसद- प्रीति पटेल और स्वेला ब्रेवर्मन ने भी शुक्रवार को टेरीजा सरकार के ब्रेक्जिट प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। ये दोनों सांसद टेरीजा की कंजरवेटिव पार्टी के ही सांसद हैं। ये कड़ी शर्तो के साथ ब्रेक्जिट चाहते हैं। गुजराती मूल की प्रीति का मानना है कि सरकार का मौजूदा प्रस्ताव ब्रिटेन के हितों के अनुरूप नहीं है। अगर मौजूदा मसौदा लागू हुआ तो वह ब्रिटेन के भविष्य के लिए नुकसानदेह साबित होगा। जबकि गोवा की मूल निवासी स्वेला ब्रेवर्मन इसे ब्रिटेन के भविष्य के लिए अच्छा नहीं मानतीं।
ब्रेक्जिट को लेकर शुक्रवार को तीसरी बार संसद में मुंह की खाने के बाद टेरीजा मे सरकार एक बार फिर अपना प्रस्ताव लेकर सांसदों के समक्ष जा सकती है। टेरीजा की कंजरवेटिव पार्टी के अध्यक्ष ब्रैंडन लेविस ने कहा है कि
ब्रेक्जिट (यूरोपीय यूनियन से अलगाव) को लेकर सभी विकल्प खुले हुए हैं।
इस बीच मीडिया में चर्चा है कि टेरीजा जल्द ही अपने पद से इस्तीफा दे सकती हैं और अंतरिम प्रधानमंत्री को सरकार का चौथा ब्रेक्जिट मसौदा पेश करने का मौका दिया जा सकता है। इससे ब्रेक्जिट को लेकर निर्धारित प्रक्रिया थोड़ा और टल सकती है। फिलहाल यह तिथि 22 मई निर्धारित की गई है।
ब्रिटेन में ब्रेक्जिट को लेकर सरगर्मियां चरम पर हैं। यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलगाव को लेकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। ब्रेक्जिट के समर्थकों और विरोधियों के बीच अजीब का द्वंद्व चल रहा है। दोनों ही पक्ष सड़क पर उतरकर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुके हैं।
यूरोपीय यूनियन ने ब्रिटेन से ब्रेक्जिट प्रस्ताव मिलने की तारीख 12 अप्रैल तय कर रखी है। इसके बाद वह प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। इस लिहाज से ब्रिटेन सरकार को चंद रोज में संसद में चौथी बार मसौदा प्रस्ताव पेश करने की तारीख का एलान करना पड़ सकता है।
इस बीच ईयू प्रशासन ने कहा है कि ब्रिटिश संसद के ब्रेक्जिट प्रस्ताव पारित न करने की स्थिति ब्रिटेन बिना किसी समझौते के भी यूरोपीय यूनियन से बाहर जा सकता है। लेकिन ब्रेक्जिट का यह तरीका विशेषज्ञ ब्रिटेन के लिए हितकर नहीं मानते।
इस बीच विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जर्मी कॉर्बिन ने कहा है कि टेरीजा अपना ब्रेक्जिट मसौदा बदलें या फिर पद छोड़ें। सरकार का घटक दल डीयूपी भी टेरीजा के ब्रेक्जिट प्रस्ताव से सहमत नहीं है। ऐसे में टेरीजा के मूल प्रस्ताव पर ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से अलगाव मुश्किल लग रहा है। ईयू के प्रेसिडेंट डोनाल्ड टस्क ने दस अप्रैल को होने वाली यूरोपीय कौंसिल की बैठक में राह निकलने की उम्मीद जताई है।
भारतीय मूल की प्रीति और स्वेला ने भी किया विरोध: भारतीय मूल के दो सांसद- प्रीति पटेल और स्वेला ब्रेवर्मन ने भी शुक्रवार को टेरीजा सरकार के ब्रेक्जिट प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। ये दोनों सांसद टेरीजा की कंजरवेटिव पार्टी के ही सांसद हैं। ये कड़ी शर्तो के साथ ब्रेक्जिट चाहते हैं। गुजराती मूल की प्रीति का मानना है कि सरकार का मौजूदा प्रस्ताव ब्रिटेन के हितों के अनुरूप नहीं है। अगर मौजूदा मसौदा लागू हुआ तो वह ब्रिटेन के भविष्य के लिए नुकसानदेह साबित होगा। जबकि गोवा की मूल निवासी स्वेला ब्रेवर्मन इसे ब्रिटेन के भविष्य के लिए अच्छा नहीं मानतीं।