साभार: जागरण समाचार
अभय चौटाला को इनेलो में कलह की कीमत चुकानी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने मंगलवार को अभय चौटाला को नेता विपक्ष के पद से हटा दिया है। इनेलो के दो विधायकों के इस्तीफे के बाद उनकी कुर्सी गई
है।
इनेलो के दाे विधायक रणबीर गंगवा और केहर सिंह रावत ने भाजपा में शामिल होने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। अभय चौटाला को इनेलो में कलह की कीमत चुकानी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने मंगलवार को अभय चौटाला को नेता विपक्ष के पद से हटा दिया है। इनेलो के दो विधायकों के इस्तीफे के बाद उनकी कुर्सी गई है। इनेलो के दाे विधायक रणबीर गंगवा और केहर सिंह रावत ने भाजपा में शामिल होने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा में शामिल रणबीर गंगवा और केहर सिंह रावत बने अभय चौटाला की कुर्सी जाने की बड़ी वजह: इनेलो विधायक रणबीर गंगवा और केहर सिंह रावत के भाजपा में शामिल होने के बाद स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने अभय चौटाला के सियासी रूतबे पर कैंची चलाई। दोनों विधायकों द्वारा भेजे गए इस्तीफों को स्पीकर ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया और इसके बाद अभय चौटाला को विपक्ष के नेता पद से हटाने का कदम उठाया।
विधानसभा स्पीकर ने कहा चूंकि अब इनेलो विधायकों की संख्या कम हो गई है। लिहाजा विपक्ष के नेता का पद कांग्रेस के पास जाएगा। इस पद के लिए कांग्र्रेस की ओर से स्पीकर को जो भी नाम भेजा जाएगा, विपक्ष के नेता पद के लिए उसका नाम घोषित कर दिया जाएगा। इस पद के लिए अब कांग्र्रेस में लाबिंग तेज होने के आसार हैैं।
स्पीकर ने दोनों के इस्तीफे किए मंजूर, चार जजपा विधायकों को अभयदान, कानूनी तरीके से होगी कार्रवाई: जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का मंच साझा करने वाले चार इनेलो विधायकों नैना सिंह चौटाला, अनूप धानक, राजदीप फौगाट और पिरथी नंबरदार के प्रति स्पीकर ने नरमी दिखाई है। इनेलो विधायक दल के नेता अभय चौटाला ने शनिवार को प्रधान महासचिव आरएस चौधरी के माध्यम से स्पीकर को पत्र लिखकर चारों विधायकों की विधानसभा से सदस्यता रद करने की मांग की थी।
17 विधायकों वाली कांग्रेस को मिलेगा विपक्ष के नेता का पद, इनेलो के पास बचे मात्र 15 विधायक: अभय चौटाला ने चारों विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाते हुए सदस्यता रद करने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई होते ही विपक्ष के नेता पद से अपना भी इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने का आग्रह किया था। स्पीकर ने चारों विधायकों की सदस्यता तो रद नहीं की, लेकिन कहा कि उनके खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। मतलब साफ है कि जब तक कार्यवाही किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती, जेजेपी का समर्थन कर रहे चारों विधायकों की कुर्सी को कोई खतरा नजर नहीं आ रहा।
इनेलो विधायकों का गणित, इस तरह गया विपक्ष के नेता का पद:
विधानसभा में पहले थे कुल विधायक - 19
निधन - दो (जसविंद्र सिंह संधू एवं डाॅ. हरिचंद मिढा)
बाकी बचे इनेलो विधायक - 15
भाजपा में शामिल - दो (रणबीर गंगवा एवं केहर सिंह रावत)
जेजेपी में शामिल - चार (नैना चौटाला, अनूप धानक, पिरथी नंबरदार एवं राजदीप फौगाट)
भाजपा को समर्थन - एक (नगेंद्र भड़ाना)
कांग्रेस विधायकों की संख्या - 17
जेजेपी को समर्थन देने वाले चारों विधायकों को देंगे नोटिस: इनेलो के दो विधायकों ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। उन्होंने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए, जिन्हें मंजूर कर लिया गया है। जिन चार विधायकों के जजपा में शामिल होने की सूचना मिली है, उन पर कानूनी तरीके से कार्यवाही होगी। उन्हें नोटिस भेजे जाएंगे। उनका पक्ष जाना जाएगा। अब चूंकि कांग्रेस विधायकों की संख्या इनेलो से दो ज्यादा है। इसलिए बड़ा दल होने के नाते कांग्रेस की ओर से जो भी नाम आएगा, उस पर विपक्ष के नेता पद के लिए फैसला होगा। - कंवरपाल गुर्जर, स्पीकर, हरियाणा विधानसभा।