साभार: जागरण समाचार
सीपीआई (मार्क्सवादी) ने पीएम मोदी के 'मिशन शक्ति' पर राष्ट्र को संबोधित करने पर अपनी नाराजगी जताई है। सीपीआई (मार्क्सवादी) ने चुनाव आयोग को लिखा कि 'मिशन शक्ति' के अंतर्गत यह घोषणा चुनाव
अभियान के बीच की गई, जिसमें की पीएम खुद एक उम्मीदवार हैं।
यह स्पष्ट रूप से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को खुलासा किया कि भारत ने लो अर्थ ऑर्बिट में मौजूद भारतीय सैटेलाइट को दूसरे सैटेलाइट के जरिए एंटी सैटेलाइट मिसाइल से मार गिराने का सफल परीक्षण किया। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत ने आज अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में दर्ज करा दिया। अब तक दुनिया के तीन देश, अमेरिका, रूस और चीन को यह उपलब्धि हासिल थी। अब भारत चौथा देश है, जिसने आज यह क्षमता प्राप्त की है। हर हिंदुस्तानी के लिए इससे बड़े गर्व का पल नहीं हो सकता है।'
पीएम ने कहा कि इसके लिए मिशन शक्ति के वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। हमने इस दौरान अंतरराष्ट्रीय कानून को नहीं तोड़ा है। परीक्षण किसी संधि का उल्लंघन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति सपनों की सुरक्षा का एक कदम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (DRDO) ने बताया कि जिस सैटेलाइट को मिशन शक्ति के लिए निशाना बनाया गया, वह भारतीय है और काफी वक्त से प्रयोग में नहीं थी।
विपक्ष ने साधा निशाना: अंतरिक्ष में मिशन शक्ति की सफलता पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया, 'भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराये जाने का सफल परीक्षण करके देश का सिर ऊंचा करने के लिए अनेकों बधाई। लेकिन इसकी आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी लाभ के लिये राजनीति करना अतिनिंदनीय है। चुनाव आयोग को इसका सख्त संज्ञान अवश्य लेना चाहिए।'
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसमान की ओर इशारा करके टीवी और देश का ध्यान एक घंटे तक जमीन के मुद्दों बेरोजगारी, गांवों की समस्या और महिला सुरक्षा से दूर करने में लगा दिया। उन्होंने इसरो को इस मिशन की सफलाता श्रेय देते हुए कहा कि यह सफलता आपकी है। भारत को सुरक्षित बनाने के लिए धन्यवाद।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'मिशन शक्ति' की सफलता के लिए डीआरडीओ की सराहना की और राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि यह मोदी की एक और राजनीतिक लाभ से प्रेरित अंतहीन नौटंकी है। इसे आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन करार देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि अपनी एक्सपायरी डेट बीत जाने के बाद सरकार द्वारा इस मिशन की घोषणा की कोई जल्दबाजी नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की डूबती नैया बचाने वाल ऑक्सीजन की तरह लग रहा है। तृणमूल इस बाबत चुनाव आयोग से शिकायत करेगी।