साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में इनेलो विधायकों के दलबदल का मामला गर्मा गया है। विधानसभा के स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के खेमे में चले गए इनेलो के चार विधायकों को नोटिस जारी किया है। इनेलो ने
स्पीकर को पत्र लिखकर विधायक नैना सिंह चौटाला, राजदीप फौगाट, अनूप धानक और पिरथी नंबरदार की विधानसभा से सदस्यता रद करने की मांग की थी। इन चारों विधायकों पर दल बदल करते हुए पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैैं। दूसरी ओर, भाजपा में शामिल हुए रणबीर गंगवा और केहर सिंह रावत के इस्तीफे के मामले में कोर्ट में जाने की तैयारी में है।
इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने दल बदल कानून के तहत रणबीर गंगवा और केहर सिंह रावत के विरुद्ध भी कार्रवाई करने की मांग की थी। यह दोनों विधायक पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुए हैं। स्पीकर ने इन दोनों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। इनेलो के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव आरएस चौधरी का कहना है कि दोनों विधायकों ने अपने पदों से इस्तीफे भाजपा में शामिल होने के बाद दिए हैैं। लिहाजा उनके इस्तीफे स्वीकार करने की बजाय दल बदल निरोधक कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
गंगवा और रावत के इस्तीफों को हाईकोर्ट में चुनौती देगा इनेलो: इनेलो विधायक दल के नेता अभय चौटाला अब गंगवा और रावत के इस्तीफों को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उनका कहना है कि दोनों विधायक इनेलो छोड़कर पहले भाजपा में शामिल हुए और इसके बाद विधायक पदों से इस्तीफे दिए। अभय का मानना है कि दोनों विधायकों पर दल बदल कानून लागू होता है।
अभय चौटाला ने कहा कि गंगवा और रावत पहले भाजपा में शामिल हुए और बाद में उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे दिए, लेकिन स्पीकर इन विधायकों के इस्तीफे भाजपा में शामिल होने से पहले के बता रहे हैैं। अभय चौटाला का कहना है कि रणबीर गंगवा और केहर सिंह रावत को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य कराने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि स्पीकर ने निष्पक्ष होकर काम किया तो जननायक जनता पार्टी के साथ चल रहे चारों इनेलो विधायकों नैना सिंह चौटाला, पिरथी नंबरदार, राजदीप फौगाट और अनूप धानक की भी विधानसभा से सदस्यता रद होगी।
अशोक तंवर भेजेंगे विपक्ष के नेता पद के लिए स्पीकर को नाम: दूसरी ओर, विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. अशोक तंवर ही स्पीकर को किसी विधायक का नाम भेजेंगे। विधानसभा में किरण चौधरी कांग्रेस विधायक दल की नेता हैं, लेकिन विधानसभा सचिवालय के रिकार्ड में दर्ज है कि विपक्ष के नेता पद के लिए पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से ही नाम आते रहे हैैं।
1991, 1996, 1999, 2005 और 2014 की परंपरा को इस बार भी कायम रखा जाएगा। यह अलग बात है कि पार्टी के स्तर पर किसी विधायक का नाम तय कर डॉ. अशोक तंवर को दे दिया जाएगा, जिसे वह अपने माध्यम से स्पीकर के पास भिजवाएंगे। विपक्ष के नेता पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई के नाम संभव हैैं।