साभार: जागरण समाचार
चीन के वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) अभियान में शामिल होने के लिए इटली ने शनिवार को समझौते (एमओयू) पर दस्तखत कर दिए। इसके चलते चीन और इटली मिलकर अफ्रीका, यूरोप और अन्य महाद्वीपों
में बंदरगाह, पुल और बिजलीघर का निर्माण करेंगे। अमेरिका की आपत्ति की अनदेखी करते हुए इटली ने चीन के ओबीओआर अभियान में शामिल होने का फैसला किया है। चीन का दावा है कि 10 खरब डॉलर वाले उसके अभियान से अभी तक 150 देश जुड़ चुके हैं।
दोनों देशों के अधिकारियों ने 29 बिंदुओं वाले समझौता प्रपत्र पर दस्तखत किए हैं। इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और इटली के प्रधानमंत्री गियूसेप कोंटे उपस्थित थे। चिनफिंग यहां दो दिन की यात्रा पर आए हैं। इटली सरकार ने पूरे सम्मान के साथ उनका स्वागत किया है। दुनिया की सात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों (जी-7) में शुमार इटली पहला देश है जो ओबीओआर में शामिल हुआ है। इटली के ताजा फैसले से संकेत मिले हैं कि वहां के बंदरगाहों के विकास में चीन का बड़ा निवेश होगा। इटली की पूर्व और पश्चिम के व्यापार में प्राचीन काल से अहम भूमिका रही है।
यूरोप में ओबीओआर अभियान का विस्तार होने से चीन का अब अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध और तीखा होने के आसार हैं। अभी तक यूरोपीय यूनियन चीन की कंपनियों को लाभ पहुंचाने की चिनफिंग सरकार की गलत नीतियों से सशंकित रहा है। वह चीनी कंपनियों और वहां की सरकार के रुख को व्यापार की शर्तो के खिलाफ मानता है। यूरोपीय यूनियन के नेता ब्रसेल्स में चीन के गलत नीतियों वाले व्यापार की चुनौती से लड़ने के लिए रणनीति बना रहे हैं।