Monday, March 25, 2019

लाहौर में जिस शादमान चौक पर हुई थी शहीद-ए-आज़म को फांसी, अब उसका नया नाम शहीद भगत सिंह चौक

साभार: जागरण समाचार 
लाहौर के जिस शादमान चौक पर शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को 23 मार्च 1931 में फांसी दी गई थी, उसका नाम शनिवार से शहीद भगत सिंह चौक हो गया है। शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू ने
दैनिक जागरण से विशेष बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। उन्‍होंने कहा मेरे पास लाहौर के डीसी यानी जिला उपायुक्त का पत्र आया है। शनिवार शाम चार बजे पाक में वहां बकायदा कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। भगत सिंह के भतीजे इस दौरान उकलाना के लोटस इंटरनेशनल स्कूल में शहीद भगत संधू की मानव श्रृंखला बनाकर इंडिया रिकार्ड बनाने के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर रहे थे। 
लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई, तब मिला हक: सिंधु ने कहा कि लाहौर में उस चौक का नाम शहीद भगत सिंह चौक रखवाने के लिए भगत  संधू मेमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज रासिद कुरैसी ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है। आखिरकार उन्हें इसमें सफलता मिली है। यह उनके लिए गर्व की बात है। आज लाहौर के उस चौक का नामकरण शहीद भगत सिंह रखने के बाद 88वां शहीदी दिवस आयोजित किया गया और आजादी के मतवालों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
भारत सरकार द्वारा शहीद का दर्जा न देने पर है मन में पीड़ा: दैनिक जागरण से अपने मन की पीड़ा भी साझा करते हुए अभय सिंधु ने कहा की पाकिस्तानी सरकार ने भगत सिंह को महान क्रांतिकारी माना है। भारत देश में कितनी सरकारें बदल चुकी हैं और संसद में भी मुद्दा उठ चुका है। यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा भी रेवाड़ी में 2014 में वादा किया गया था कि शहीद भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाएगा लेकिन आज तक शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है। हम ये संघर्ष की लड़ाई जारी रखेंगे और सुप्रीम कोर्ट में ये मामला ले जाया जाएगा।