Wednesday, March 27, 2019

Skill passbook बताएगी किस विषय में कमजोर है आपका बच्चा, गुरुजी ऐसे लाएंगे सुधार

साभार: जागरण समाचार 
पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों के कारण परीक्षा परिणाम खराब न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से Skill passbook बनाई जाएगी। पहली कक्षा पास कर दूसरी कक्षा में जाने वाले विद्यार्थियों की शैक्षणिक योग्यता के
लिए स्किल पास बुक को पैमाना बनाया गया है। सत्र के शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस Skill passbook से यह पता लगाया जाएगा कि बच्चा किस विषय में अधिक कमजोर है। उस विषय पर जोर दिया जाएगा। 
Skill passbook बताएगी किस विषय में कमजोर है अापका बच्चा, गुरुजी एेसे लाएंगे सुधारपढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों के कारण परीक्षा परिणाम खराब न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से Skill passbook बनाई जाएगी। पहली कक्षा पास कर दूसरी कक्षा में जाने वाले विद्यार्थियों की शैक्षणिक योग्यता के लिए स्किल पास बुक को पैमाना बनाया गया है। सत्र के शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस Skill passbook से यह पता लगाया जाएगा कि बच्चा किस विषय में अधिक कमजोर है। उस विषय पर जोर दिया जाएगा।
बच्चों की शैक्षणिक योग्यता में गुरुजी सुधार लाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग निदेशालय पंचकूला की ओर से जिला के शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर दिया है। इसके लिए स्कूल मुखियाओं को भी पत्र भेजा जा चुका है।
आपस में सवाल हल करेंगे विद्यार्थी: पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए शुरू होगा। इसके तहत नया दाखिला लेकर आए बच्चों को अप्रैल व मई महीनों में केवल वही विषय पढ़ाए जाएंगे, जिनमें वह बच्चा कमजोर है। किसी खास विषय में कमजोर बच्चों का कक्षा स्तर पर ही ग्रुप भी बना दिया जाएगा, जिससे कि बच्चे शिक्षक से सीखने के बाद आपस में भी सवाल हल कर सकें।
पासबुक में भरी जाएगी डिटेल: रामपुरा के स्कूल इंचार्ज महेंद्र सिंह कलेर ने बताया कि Skill passbook में पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को उनकी कक्षा के विषयानुसार कॉलम दिए हैं। अध्यापकों को Skill passbook में मौजूदा शैक्षणिक सत्र के दौरान विद्यार्थी की ओर से किए प्रदर्शन को विषय अनुसार भरना होगा। इस काम को मार्च के अंतिम सप्ताह में मनाए जाने वाले प्रवेश उत्सव से पहले ही निपटाना होगा, जिससे कि सभी बच्चों की Skill passbook अगली कक्षा के अध्यापक तक पहुंचाई जा सके। अगर कोई विद्यार्थी प्राथमिक स्कूल में पढ़ता है।