साभार: भास्कर समाचार
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) व शिक्षा विभाग की आपसी खींचतान के चलते प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती पिछले 3 सालों से अटकी हुई है। भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों के थंब इंप्रेशन (अंगूठों के निशानों)
की जांच करने को लेकर न तो एचएसएससी व न ही शिक्षा विभाग जिम्मेदारी ले रहा। बल्कि इसे एक-दूसरे का काम बताकर जिम्मेदारी से बच रहे हैं। इसका नुकसान भर्ती प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे आवेदकों को उठाना पड़ रहा है। अब थंब इंप्रेशन जांच को लेकर चल रहे केस में हाईकोर्ट ने एनआईसी (नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर) के एडिशनल डायरेक्टर से जवाब मांगा कि क्या सभी आवेदकों का कॉमन डाटा तैयार हो सकता है या नहीं। मामले में अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी।
दरअसल, सरकार के पास 2008 से 2011 के एचटेट पास अभ्यर्थियों का मैनुअल डाटा उपलब्ध है, वहीं इसके बाद के अभ्यर्थियों का बॉयोमीट्रिक डाटा उपलब्ध है। सभी आवेदकों का कॉमन डाटा नहीं होने का हवाला देकर दोनों पक्ष अपनी जिम्मेदारी से बच रहे है। बता दें कि 2015 में वर्ष 2014 के रिवाइज नोटिफिकेशन पर टीजीटी-पीजीटी की 53 कैटेगरी में 11952 पदों पर भर्तियां निकाली गई थी। इनमें से सितंबर-अक्टूबर 2016 में केवल 451 पदों पर ही चयन प्रक्रिया पूरी हो पाई है, बाकी पदों के लिए पिछले डेढ़ साल से प्रक्रिया लंबित है। आवेदकों को नुकसान : भर्ती प्रक्रिया लंबित होने के कारण आवेदकों काे नुकसान उठाना पड़ रहा है। करीब 3 हजार से ज्यादा आवेदकों के एचटेट प्रमाण-पत्र अनवेलिड हो गए हैं। हजारों अभ्यर्थी ऐसे हैं जो एचटेट प्रमाण पत्र के 5 साल के वेलिडेशन पीरियड में एक ही भर्ती देख पाएंगे। वहीं 2013 में एचटेट पात्रता वाले अभ्यर्थियों के पास भी एचटेट प्रमाण-पत्र की वेलिडेशन खत्म होने वाली है। इधर, सरकारी नौकरी लगने पर बीच में ही स्कूल ना छोड़ दें, इस कारण निजी स्कूलों में भी नौकरी नहीं मिल रही।
इनके इंटरव्यू हुए, रिजल्ट पेंडिंग: सितंबर-अक्टूबर 2016 में पीजीटी होम साइंस के 193, पीजीटी पंजाबी के 179, फिजिकल एजुकेशन, उर्दू, संस्कृत, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, इंग्लिश आदि के 451 पदों पर ज्वाइनिंग हो चुकी है। लेकिन इसके बाद पीजीटी हिस्ट्री, मैथ, साइकोलॉजी, फाइन आर्ट, सोशोलॉजी के पदों के लिए इंटरव्यू हो चुके, परंतु फाइनल रिजल्ट पेंडिंग है।
एनआईसी ने हाईकोर्ट में अभ्यर्थियों का कॉमन डाटा के लिए एफिडेविट दिया तो फिर होगी देरी: अगर एनआईसी द्वारा हाईकोर्ट में अभ्यर्थियों का कॉमन डाटा तैयार किए जाने संबंधी एफिडेविट दिया जाता है, तो भी प्रक्रिया पूरी करने में काफी समय लग सकता है। कारण पिछले साल करीब 9 हजार पदों पर हुई जेबीटी जॉइनिंंग से पहले थंब इंप्रेशन की जांच में दो साल से ज्यादा का समय निकाल दिया। अब साढ़े 11 हजार पदों के लिए दोगुने यानि 23 हजार अभ्यर्थियों की जांच करने को लेकर इंतजार लंबा हो सकता है।
बढ़ रहे एचटेट पात्र अभ्यर्थी: शिक्षक भर्ती नोटिफिकेशन के मुताबिक इंटरव्यू से पहले अभ्यर्थी के पास एचटेट प्रमाण पत्र होना चाहिए। यानि फार्म भरते समय बिना एचटेट वाले अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किए। भर्ती प्रक्रिया लंबित है, इस कारण हर बार एचटेट परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या भी बढ़ रही है। यहां तक की दो-तीन महीने प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो नवंबर-2017 में हुई एचटेट परीक्षा में पास होने वाले कैंडिडेट भी भर्ती के लिए पात्र होंगे।
कई बार मांग उठाई, अब करेंगे आंदोलन: भर्ती प्रक्रिया को लेकर शिक्षा विभाग व एचएसएससी अपनी जिम्मेदारी से हट रहे हंै। इस कारण पात्र अभ्यर्थियों को न सरकारी व न ही निजी स्कूलों में नौकरी मिल रही, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। सरकार से मजबूत पैरवी करने व जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी करवाने को लेकर विधायक-मंत्रियों को ज्ञापन सौंपकर मांग उठाई गई, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। सरकार ने कदम नहीं उठाया तो वे आंदोलन करेंगे। - जितेंद्र मान, प्रदेशाध्यक्ष, टीजीटी-पीजीटी पात्र अध्यापक संगठन।