Wednesday, February 21, 2018

विद्यार्थियों के लिए अति महत्त्वपूर्ण पोस्ट: सुनियोजित हो परीक्षा की तैयारी, लिखने की आदत डालें

साभार: जागरण समाचार 
श्रीमती ज्योति माचरा (शिक्षाविद)स्कूली परीक्षा सिर पर है और बच्चों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन दिनों में काफी बच्चे परीक्षा की चिंता के कारण तनाव में भी रहते हैं। तनाव की बड़ी वजह यही होती है कि
परीक्षा की तैयारी कैसे करें। मन में कई तरह के सवाल उठते हैं कि न जाने परीक्षा में क्या होगा। किस तरह के सवाल आएंगे और परीक्षा केंद्र में कैसा माहौल होगा, इस तरह की बातें दिमाग में घूमती हैं। बच्चों की इन उलझनों को दूर करने में शिक्षाविद् ज्योति माचरा के अनुभव बच्चों के लिए कारगर साबित हो सकते हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कुम्हारिया की प्राचार्या ज्योति माचरा कहती हैं कि परीक्षा अपने आप में कठिन नहीं है। लेकिन बच्चों के मन में उठने वाले सवाल व उलझने परीक्षा को कठिन बना देती हैं। खासकर, पहली बार बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले बच्चे काफी घबराए हुए होते हैं। ऐसे बच्चे अगर सकारात्मक सोच व दृढ़ निश्चय के साथ तैयारी शुरू करते हैं तो परीक्षा को शानदार बनाया जा सकता है। बच्चों को चाहिए वे सुनियोजित तरीके से परीक्षा की तैयारी करें। परीक्षा के दिनों में विषय को विस्तारपूर्वक याद रखना कठिन होता है। इसलिए प्वाइंट बनाकर तैयारी की जा सकती है।  
  • प्रत्येक विषय में गहन अध्ययन करें। विषय की बारीकियों को समङों व बिंदुवार तरीके से नोट कर लें।
  • प्रश्नों को समझकर याद करें। विषय वस्तु को रटने की कोशिश न करें। समझकर उसे अपने तरीके से भी लिखा जा सकता है।
  • गणित के तमाम सवाल खुद हल करें। दो या तीन बार हल करने के बाद कोई दिक्कत नहीं रहेगी।
  • गणित के फॉर्मूलों को अच्छे से याद कर लें। साधारण व सरल फामरूला सवाल हल करने में मदद करता है। 
  • विद्यार्थियों को चाहिए की वे लिखने की आदत डालें। प्रश्नों को भी नियमित रूप से लिखते रहें।
  • यह जरूरी नहीं कि प्रश्न का उत्तर किताब की तरह ही लिखना है। विद्यार्थी जवाब अपने तरीके से तैयार करें। वह उत्तर समझ में आसानी से आना चाहिए। 
  • परीक्षा के दिनों में समय का अभाव होता है। इसलिए महत्वपूर्ण प्वाइंटों को नोट कर लें। यदि ¨बदु याद रहेगा तो विस्तृत वर्णन स्वयं याद आ जाएगा। 
  • प्रश्न का उत्तर सरल व स्पष्ट हो। वाक्यों को लंबा खींचने की कोशिश न करें।
विद्यार्थी को खुद पर भरोसा होना जरूरी है। उसके मन में एक ही विचार होना चाहिए कि मैं अच्छे अंकों से पास होऊंगा। उत्तर लिखते समय डबल माइंड नहीं रहना चाहिए। परीक्षा के दौरान सारा फोकस पेपर पर होना चाहिए। इधर उधर से पूछने की कोशिश में अक्सर एकाग्रता भंग हो जाती है। जितना भी लिखें, वह साफ सुथरा होना चाहिए। - ज्योति माचरा