Friday, February 23, 2018

Management: नज़दीकी नुकसान से दूर का फायदा बेहतर होता है

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)साभार: भास्कर समाचार
'सरकार' फिल्म में अमिताभ बच्चन अपने रोल में एक डायलॉग बोलते हैं, 'नज़दीकी फायदा देखने से पहले दूर का नुकसान सोचना चाहिए।' किंतु जेट एयरवेज के पायलट अमोल यादव इस प्रसिद्ध डायलॉग को उलटना पसंद
करते हैं, 'नज़दीकी नुकसान से पहले दूर का फायदा सोचो' और अपने 1200 वर्गफीट के टेरैस पर उन्होंने विमान बनाना शुरू कर दिया! 
मुंबई में जिस बिना लिफ्ट वाली पांच मंजिला इमारत में उनके संयुक्त परिवार के 19 सदस्य रहते हैं, वहां अमोल और उनके परिजन फैक्टरी की लैथ मशीन, कम्प्रेसर, वेल्डिंग मशीन और 180 किलो का आयातीत इंजन संकरी सीढ़ियों से छत पर ले गए। उमसभरी गर्मी और मानसून की तूफानी बारिशों से मुकाबला करते हुए वे और ऑटोमोबाइल मैकेनिक व एक एक्सपर्ट फैब्रिकेटर का उनका छोटा-सा समूह तारपोलिन के शेड में काम करते रहते। यह जगह आकार में किसी टेनिस कोर्ट से आधे से भी कम थी। फरवरी 2016 में उनका छह सीटों वाला प्रोपेलर प्लेन तैयार था, जो 13,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता था और 342 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 2,000 किलोमीटर तक जाने जितना ईंधन लेकर उड़ सकता था। यह इस तरह का भारत में बना पहला विमान था। किंतु विमान रूफ टॉप पर बड़ी मुश्किल से आया था और उसकी पूंछ तो छत की चहारदीवारी से ऊपर से बाहर हवा में निकल आई थी। 
यह वही समय था जब सरकार भी मुंबई में विशाल 'मेक इन इंडिया' शो की मेजबानी कर रही थी। छत पर बने विमान को विशाल आयोजन स्थल पर जगह की कमी बताते हुए प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं दी गई! यादव परिवार ने कुछ जगह देेखी, जहां विमान प्रदर्शित हो सकता था। उन्हें यकीन दिलाया कि यह विमान प्रदर्शित करना क्यों महत्वपूर्ण है। 
एक ही दिन में अनुमति मिलने के बाद उन्होंने विमान के हिस्से-पुर्जे अलग किए और इलेक्ट्रिक क्रेन लाकर उन्हें नीचे लाया गया। मध्यरात्रि के करीब जब मुंबई शहर सो गया तो ये सारी चीजें 25 किलोमीटर दूर प्रदर्शनी स्थल पर ले जाई गई और सिर्फ तीन घंटे में उन्हें फिर असेंबल कर दिया। जब उड्‌डयन मंत्रियों से लेकर बिज़नेसमैन तक सबने रुचि दिखाई तो मीडिया ने यह खबर प्रसारित की और विमान प्रसिद्ध हो गया। यादव ने प्रेजे़ंटेशन देते हुए कहा कि छोटे विमान नौकरियां और क्षेत्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगे। राज्य सरकार ने उनसे कारखाने के लिए 157 एकड़ जमीन देेने का वादा किया। अगले 15 माह में पास के मंदिर में विशाल बक्सों में बंद पड़ा प्लेन एक एयर शो में ले जाया गया और मुंबई के अंतरराष्ट्रीय विमानतल के बाहर कंटेनर ट्रक में खड़ा रहा। मई 2017 इसे मुंबई एयरपोर्ट में ले जाया गया। 
नवंबर 2017 में नागरिक विमानन महानिदेशालय से मान्यता प्राप्त कर चुके यादव के हवाई जहाज का परीक्षण नहीं हुआ था। कस्टम की मंजूरी का इंतजार कर रहे कुछ हिस्से-पुर्जे उसे अप्रैल 2018 में होने वाले आधिकारिक परीक्षण के लिए तैयार कर देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम के शुरुआती अक्षरों पर विमान का रजिस्ट्रेशन नंबर वीटी-एनएमडी रखा गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस चाहते थे कि स्वदेशी 6 सीट और 19 सीटों वाला विमान बनाने का पहला कारखाना उनके प्रदेश में हो। 18 फरवरी 2018 को महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में आयोजित 'मैग्नेटिक महाराष्ट्र' निवेश सम्मेलन में यादव की कंपनी 'थ्रस्ट एयरक्राफ्ट प्रायवेट लिमिटेड' के साथ 35,000 करोड़ के समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। अमोल और एमआईडीसी के बीच हुए इस करार से पालघर जिले में 10 हजार नौकरियां पैदा होंगी। 
फंडा यह है कि  व्यापक कल्याण के लिए 'नज़दीकी नुकसान से दूर का फायदा' बेहतर होता है।