Friday, February 23, 2018

सरकारी स्कूलों में प्रार्थना से पहले गायत्री मंत्री जरूरी

साभार: जागरण समाचार 
हरियाणा के सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब ढोंग और पाखंड से बचाने के लिए शिक्षा विभाग ने मुहिम शुरू की है। इसके तहत न केवल बच्चों में अंधविश्वास की दीवार तोड़ी जाएगी, बल्कि प्रार्थना सभा में गायत्री मंत्र
अनिवार्य कर उनमें सकारात्मक ऊर्जा भरने की भी योजना है। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से राज्य के स्कूलों का माहौल सुधरेगा और बच्चे मन लगाकर पढ़ाई कर सकेंगे। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। स्कूलों में अंधविश्वास की पोल खोलने की जिम्मेदारी तर्कशील सोसायटी और सामाजिक संगठनों को सौंपी गई है। ज्यादातर मामलों में कथित बाबाओं की ज्यादातर अनुयायी महिलाएं और लड़कियां ही होती हैं। इसलिए छात्रओं को स्कूल स्तर पर ही कथित चमत्कारों के खिलाफ जागरूक करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में प्रदेश के सभी 32 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में जाकर तर्कशील सोसायटी के सदस्य, साइंस के अध्यापक और सामाजिक संगठन अंधविश्वास की पोल खोलेंगे। हरियाणा विज्ञान मंच सोसायटी के पदाधिकारियों और शिक्षा विभाग की ज्ञान-विज्ञान समिति के सदस्यों की कमेटी इसी महीने एक-एक कर सभी 32 स्कूलों में जाएगी। कमेटी के सदस्य सम्मोहन करने वाली और उनसे बचाव की विधियों की भी जानकारी भी देंगे। पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो नए सत्र में प्रदेश के सभी स्कूलों में यह मुहिम चलाई जाएगी।दूसरी तरफ प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में प्रार्थना की शुरुआत गायत्री मंत्र से होगी और राष्ट्रगान के साथ खत्म होगी।
सभी स्कूल मुखियाओं को प्रतिदिन 20 मिनट की प्रार्थना नियमानुसार कराने की हिदायत दी गई है। इस दौरान छात्रों को गायत्री मंत्र का सही उच्चारण और इसका अर्थ भी बताया जाएगा। शिक्षा विभाग की टीमें प्रार्थना के समय स्कूलों का औचक निरीक्षण कर पड़ताल करेंगी कि स्कूलों में नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।
वैज्ञानिक युग में जादू-टोनों को कोई जगह नहीं: शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि वैज्ञानिक युग में जादू-टोनों को कोई जगह नहीं। इसलिए स्कूली बच्चों को अंधविश्वास से बचाने के लिए शिक्षा विभाग ने यह नई पहल शुरू की है। प्रार्थना से पहले गायत्री मंत्र के पीछे हमारा मंतव्य छात्रों में नई ऊर्जा भरना है। उम्मीद है कि इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।