साभार: भास्कर समाचार
बाॅलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की पैडमैन फिल्म के बाद अब लोग लड़कियों की इस समस्या को लेकर जागरूक होने लगे हैं। इसके चलते फतेहाबाद के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 28 फरवरी
को विद्यालय में मासिक हेल्थ मेनेजमेंट कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है, जिसमें छात्राओं को बताया जाएगा कि बाजार में मिलने वाले पैड कितने हानिकारक है। जब कोई महिला बाजार से मिलने वाले पैड का इस्तेमाल कर उसे कही फेंकती है तो वह कई सालों तक नष्ट नहीं होता है। वहीं नुकसानदायक भी होता है। वहीं पीरियड संबंधित समस्या बारे उनके संकोच को दूर करने के साथ कॉटन पैड का इस्तेमाल करने बारे में बताया जाएगा। इस कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर बॉयोलॉजी की लेक्चरर प्रियंका चौधरी को लगाया है। लेक्चरर ने छात्राओं की पीरियड संबंधित समस्या के लिए बनाया पीरियड कार्ड: कार्यक्रम का आयोजन करने वाली मास्टर ट्रेनर प्रियंका चौधरी ने छात्राओं की पीरियड संबंधित समस्याओं के बारे में जानने के लिए एक कार्ड बनाया है, जिसका नाम दिया गया है मेरा पीरियड कार्ड। जिसमें छात्राएं अपना व मां का नाम, पता, स्कूल, आयु कक्षा के बारे में पहले लिखेंगी। इसके बाद क्या उनके पीरियड आते हैं या नहीं। अगर आते हैं तो नियमित है या अनियमित रूप से आते हैं। पैड घर का यूज करते हैं या बाजार का। अभिभावक को इस बारे में बताते हैं या नहीं। यह सभी बातें छात्राएं लिखेंगी। अगर किसी छात्रा के कोई दिक्कत है तो स्वास्थ्य विभाग की महिला चिकित्सक के द्वारा उस समस्या का समाधान बताया जाएगा। छात्राओं की पीरियड संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए मास्टर ट्रेनर ने खुद की सोच से यह कार्ड बनाया है। इस कार्ड को सर्वे के रूप में माना जाएगा। इसके आधार पर छात्राओं की पीरियड संबंधित समस्या जान पाएंगे और उनके संकोच को दूर कर पाएंगे।
जेल में ले जाकर छात्राओं को दिखाएंगे पैड कैसे बनता है: इस कार्यक्रम में भाग लेने वाली छात्राओं को कॉटन का यूज करने बारे तो बताया जाएगा। इसके साथ जो छात्राएं कार्यक्रम में भाग लेंगी, उनको अप्रैल के बाद भौंडसी जेल में जहां कॉटन पैड बनते वहां ले जाया जाएगा। जहां बच्चों को कॉटन बनाना सीखाने व कैसे कॉटन पैड बनता है। इन तमाम चीजों के बारे में बताया जाएगा, क्योंकि बाजारी पैड के मुताबिक कॉटन पैड सस्ता होता है तो वह उसे कई बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है, जिसका नुकसान नहीं है।