Wednesday, February 21, 2018

अगले शैक्षणिक सत्र से हिंदी माध्यम से कर सकेंगे इंजीनियरिंग में डिप्लोमा

साभार: भास्कर समाचार
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले छात्रों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। जल्द ही हिंदी में पुस्तकें उपलब्ध हो सकेंगी। इसके लिए केंद्रीय तकनीकी शब्दावली आयोग की मदद से हरियाणा ग्रंथ अकादमी ने हरियाणा
तकनीकी शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुरूप पुस्तकें उपलब्ध कराने पर काम शुरू कर दिया है। अगले शैक्षणिक सत्र से पहले सेमेस्टर की पुस्तकें तैयार होकर विद्यार्थियों को मिल जाएगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सभी नई पुस्तकें छात्रों को डिजिटल फॉर्मेट के साथ ई-बुक के रूप में भी दी जाएंगी। 
इसलिए पड़ी आवश्यकता: राज्य में बहुतकनीकी शिक्षा में ग्रहण करने वाले ज्यादातर विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित हैं तथा इसमें भी ज्यादातर विद्यार्थी सीबीएसई के बजाए हरियाणा बोर्ड से जुड़े होते हैं, जिनकी अंग्रेजी पर पकड़ ज्यादा बेहतर नहीं होती, ऐसे में पॉलीटेक्निक में सिलेबस अंग्रेजी में ही आता है तो काफी विद्यार्थी व्यवहारिक रूप से विषय को जानने के बावजूद परिणाम हासिल करने में पिछड़ जाते हैं। अब चूंकि आईटीआई से लेकर बहुतकनीकी शिक्षा को सीधे तौर पर रोजगार से जोड़ा जाता है, फिर खराब परिणाम पर रोजगार हासिल होगा नहीं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बहुतकनीकी शिक्षा में सिलेबस भी हिंदी में तैयार करवाया जाएगा। 
इस प्रयास में अब यह हो रहा: अब केंद्रीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसमें केंद्रीय तकनीकी मंत्रालय भी अपना सहयोग प्रदान कर रहा है। इस संबंध में दिल्ली में एक बैठक भी हो चुकी है। हरियाणा में पाॅलीटेक्निक के जिन विषयों को हिंदी माध्यम में शुरू किया जाना है, वे विषय पहले से चल रहे अंग्रेजी माध्यम के ट्रांसलेट बल्कि मौलिक होंगे। टेक्निकल एजुकेशन के लिए विशेषज्ञों का पैनल तैयार किया जाएगा, जो पाॅलीटेक्निक के विभिन्न विषयों की किताबें हिंदी में तैयार करेंगे। विषय तैयार होने के बाद उन्हें प्रकाशित करने की जिम्मेदारी हरियाणा ग्रंथ अकादमी पूरी करेगा। 
इस बार सवालों के जवाब हिंदी में भी दिए: व्यवस्था सुधार के रूप में हरियाणा में एक बड़ी शुरुआत पर अमल भी हो गया है। हाल ही ली गई परीक्षा में विद्यार्थियों को सवाल का जवाब हिंदी में भी देने का विकल्प दिया गया था। यही कारण था कि मंगलवार को घोषित किए गए पहले, तीसरे एवं पांचवें सेमेस्टर का परिणाम बेहतर रहा है। 
विशेषज्ञों को सौंपा जिम्मा: अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पूर्व ही पहले सेमेस्टर में उपयोग आने वाली विभिन्न विषयों की पुस्तकें प्रकाशित कर विद्यार्थियों को उपलब्ध का दी जाएगी। इस बाबत अकादमी की ओर से संबंधित विशेषज्ञों को काम सौंप भी दिया गया है। विद्यार्थियों को सहज रूप में शिक्षा मिले एवं हिंदी का सम्मान बढ़े यह प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। - वीरेंद्र सिंह चौहान, निदेशक हरियाणा ग्रंथ अकादमी।