साभार: जागरण समाचार
दिल्ली पुलिस ने पहले ही अदालत को बताया था कि बीते सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर रात 12 बजे आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जिस तरह मुख्य सचिव पर हमला किया था, इसमें उनकी
जान भी जा सकती थी। अब उस खौफनाक रात का पूरा विवरण सामने आया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अंशु प्रकाश बड़ी मुश्किल से आप विधायकों के चंगुल से छूटकर भाग सके थे। दरअसल, जिस तरह आधी रात को बैठक में आने के लिए उन्हें बार-बार फोन किया जा रहा था, वह सशंकित थे। मगर यह अंदेशा फिर भी नहीं था कि उनपर यूं जानलेवा हमला किया जाएगा।
विधायकों ने जब उन पर हाथ उठाया, वह स्तब्ध रह गए। माहौल खराब होता देख सदमे में आए मुख्य सचिव यह कहते हुए बाहर की ओर भागे कि उनका दम घुट रहा है, वह तड़प रहे हैं और उन्हें ताजी हवा चाहिए। यहां तक कि पार्किग में खड़ी अपनी सरकारी कार के आने का भी इंतजार नहीं किया। बदहवासी में वह सीधे मुख्य गेट से बाहर निकल गए। बाद में पीछे से आई अपनी कार में बैठकर घर को रवाना हुए। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने रास्ते में ही घटना की शिकायत उपराज्यपाल कार्यालय में की थी। एलजी आफिस ने फौरन पुलिस आयुक्त को अवगत कराया। स्थानीय पुलिस अधिकारी बयान दर्ज कराने उसी रात मुख्य सचिव के आवास पहुंचे, लेकिन सदमे में होने के कारण बयान दर्ज नहीं कराया। अगले दिन उन्होंने लिखित शिकायत सिविल लाइन थाने में दी।सामने आई आप की धोखाधड़ी: गौरतलब है कि वारदात के बाद आम आदमी पार्टी ने मुख्य सचिव के मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलते वीडियो को आधार बनाते हुए उनके दावे को बेबुनियाद बताया था। आप का कहना था कि यदि मारपीट हुई थी तो पुलिस में शिकायत दूसरे दिन क्यों की गई, लेकिन पुलिस जांच में पता चला कि सीसीटीवी कैमरे का जो वीडियो वायरल हुआ है, वह समय से 42 मिनट 43 सेकेंड पीछे चल रहा था। यही नहीं मुख्य सचिव ने मारपीट की सूचना मुख्यमंत्री आवास से निकलते ही उपराज्यपाल कार्यालय को दी थी।
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश दिल्ली सरकार से तबादला ले सकते हैं। मारपीट की घटना से वह बहुत आहत हैं। वह बृहस्पतिवार और शुक्रवार को कार्यालय नहीं आए। बताया जा रहा है कि माहौल को देखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से दिल्ली सरकार में नहीं रहने की इच्छा जताई है। 1986 बैच के आइएएस अंशु प्रकाश ने हमेशा आप सरकार को सहयोग किया है। यहां तक कि मुख्यमंत्री के साथ औचक निरीक्षणों में अस्पताल आदि भी जाते रहे हैं। उनकी गिनती महत्वपूर्ण फैसले जल्द लेने वाले अधिकारियों में होती है। वह अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं और केजरीवाल सरकार में चौथे मुख्य सचिव के रूप में सेवा दे रहे हैं। अंशु प्रकाश के अच्छे व्यवहार के चलते ही अधिकारियों के तमाम संगठन उनके साथ आ रहे हैं। उन्हें सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात से भी है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सामने उनके साथ मारपीट की गई, लेकिन दोनों ने न सिर्फ घटना के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा, उनके आरोपों को गलत साबित करने में लगे हैं।