साभार: जागरण समाचार
पीएनबी में बैंकिंग सेक्टर का सबसे बड़ा घोटाला सामने आने के बाद बैंकों ने आनन-फानन में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर करने शुरू कर दिए हैं। अकेले पीएनबी ने तीन दिनों के भीतर अपने 18 हजार से ज्यादा कर्मचारियों का
तबादला कर दिया है। इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, एसबीआइ, आइडीबीआइ और इलाहाबाद बैंक ने या तो तबादले शुरू कर दिए हैं या इसकी तैयारी में हैं। एक ही शाखा में तीन वर्षो से जमे कर्मचारियों का तबादला किया जा रहा है। कई बैंकों ने आंचलिक कार्यालयों को उन कर्मचारियों की सूची भेजने को कहा है, जो एक शाखा में तीन वर्ष या ज्यादा समय से कार्यरत हैं।
इस बीच, सीबीआइ ने पीएनबी के दिल्ली मुख्यालय में जनरल मैनेजर (क्रेडिट) पद पर तैनात राजेश जिंदल को गिरफ्तार कर लिया है। उसे मंगलवार की रात गिरफ्तार किया गया। वह घोटाला शुरू होने के वक्त ब्रैडी हाऊस ब्रांच, मुंबई में मैनेजर था। वह 2009 से 2011 तक इस ब्रांच में मैनेजर रहा। 2011 में ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को नियमों की अनदेखी कर एलओयू और एलसी जारी करने का काम शुरू हुआ था। इस मामले में सीबीआइ ने मंगलवार को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की 5,726 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का दावा कर रही ईडी ने अब इसकी असली कीमत का आकलन शुरू कर दिया है। इसके लिए बाकायदा विशेषज्ञों को लगाया गया है। वहीं मनी लांडिंग के लिए इस्तेमाल की गईं नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की मुखौटा कंपनियों पर छापेमारी शुरू हो गई है। जबकि, सीबीआइ गिरफ्तार आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है।
कांग्रेस की ओर से जब्त संपत्ति की कीमत को लेकर सवाल उठाया गया था। जब्त आभूषणों की कीमत 5,726 करोड़ रुपये से कम होने की बात को खारिज करते हुए ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कहीं ज्यादा निकल सकती है। उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए हीरे-जवाहरात की कीमत का आकलन करने वाले विशेषज्ञों को इस काम में लगा दिया गया है। विशेषज्ञ हीरे-जवाहरात का मूल्य ईडी की ओर लगाई कीमत से कहीं अधिक ठहरा रहे हैं।