साभार: जागरण समाचार
हरियाणा के करीब 14 हजार अतिथि अध्यापकों को पक्का करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। इसके लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को तकनीकी व कानूनी बाधाएं दूर करने की प्रक्रिया शुरू
करने के आदेश दिए गए। अतिथि अध्यापक जब तक पक्का नहीं होते, तब तक उन्हें समान काम के लिए समान वेतन प्रक्रिया के तहत मानदेय मिलेगा।
पक्का होने की अवधि तक यदि किसी अतिथि अध्यापक की नौकरी चली जाती है, तो उस स्थिति में भी सरकार संबंधित शिक्षक को घर बैठे तनख्वाह देगी। सरकारी शिक्षकों की तरह अतिथि अध्यापकों को साल में 20 अवकाश तथा एलटीसी की सुविधा का लाभ मिलेगा। इन फैसलों के संबंध में सरकारी परिपत्र सोमवार को जारी होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बातचीत में यह निर्णय हुए हैं। सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और मौलिक शिक्षा निदेशक राज नारायण कौशिक की मौजूदगी में हुई बैठक में अतिथि अध्यापकों को पक्का करने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई। संघ के प्रधान पारस शर्मा, पुष्पा, नवीन बाला, दिनेश गौतम, राधाकृष्ण, सुखविंद्र और जितेंद्र ने मुख्यमंत्री के समक्ष तमाम विकल्प पेश किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अतिथि अध्यापकों को पक्का करना चाहती है, लेकिन इसके लिए कानूनी व तकनीकी बाधाएं दूर करने की जरूरत है। इन बाधाओं के दूर होने तक सरकार अतिथि अध्यापकों को समान काम के लिए समान वेतन देगी। इस व्यवस्था को लागू कराने के लिए सोमवार को अतिथि अध्यापक संघ और मौलिक शिक्षा निदेशक के बीच एक बैठक होगी, जिसमें तमाम दस्तावेजों का आदान प्रदान होने के साथ ही मुख्यमंत्री के साथ होने वाली अगली मीटिंग की तारीख तय की जाएगी।
अतिथियों को पक्का करने के सीएम के वादे पर भरोसा: हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के अध्यक्ष पारस शर्मा के अनुसार अतिथि शिक्षक मुख्यमंत्री के साथ हुई समझौता वार्ता से संतुष्ट हैं। सीएम ने अपने चुनाव घोषणा पत्र को पूरा करने का भरोसा दिलाया है। इसलिए आगे का आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। सोमवार को शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को दस्तावेज सौंप दिए जाएंगे। फिर सीएम के साथ अगली मीटिंग में तमाम मुद्दे रखे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अतिथि अध्यापकों को नियमित करने की प्रतिबद्धता जताई है।
14 से 28 हजार रुपये मासिक तक बढ़ जाएगा वेतन: समान काम समान वेतन की व्यवस्था लागू होने के बाद जेबीटी शिक्षकों को 21715 की बजाट 35400 रुपये मासिक, टीजीटी को 24001 की बजाट 44900 तथा लेक्चरर को 29715 रुपये की बजाट 47500 रुपये मासिक वेतन मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को खजाने पर पड़ने वाले वार्षिक भार का आकलन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि यदि अतिथियों को पक्का किया जाता है तो खजाने पर पड़ने वाले भार का भी आकलन किया जाए।