साभार: भास्कर समाचार
पिछले कई दिनों से आंदोलनरत आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर्स से अब महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव बातचीत करेंगे। इसे लेकर महकमे की मंत्री कविता जैन ने प्रधान सचिव को निर्देश दिए हैं। उन्होंने
आंगनबाड़ी हेल्परों की ड्रेसकोड बदलने की मांग को भी मंजूरी दी है। अतिरिक्त कार्य के लिए केंद्र द्वारा दी जाने वाली 50 रुपए की राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी कर्मचारियों को गर्मी और सर्दी के नियमित अवकाश देने के लिए अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए। मंगलवार दोपहर बाद मंत्री कविता जैन ने आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर से जुडे मुद्दों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए यह भी दिए निर्देश: आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत को लेकर निर्देश दिए कि जिला परियोजना अधिकारी अपने जिला में मरम्मत कराई जाने वाली आंगनबाड़ी केंद्रों का पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर एस्टीमेट तैयार कराएंगे। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर राशन के उचित संग्रहण के लिए कंटेनर की व्यवस्था कराने के लिए जिला अधिकारियों से डिमांड मंगवाने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों से विचार विमर्श के दौरान मंत्री कविता जैन ने कहा कि आंगनबाड़ी भवनों के किराए को आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर्स के खाते में डालने में कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन इसके लिए संबंधित आंगनबाड़ी भवन में बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल, शौचालय की उचित व्यवस्था उन्हें सुनिश्चित करनी होगी।
मंत्री की घोषणाओं को नकारा, जारी रहेगी हड़ताल: आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हरियाणा ने महिला एंव बाल विकास विभाग मंत्री कविता जैन की घोषणाओं को नकारते हुए हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है। यूनियन की प्रधान संतोष रावल, कार्यकारी प्रधान मधू शर्मा व महासचिव शकुंतला ने जारी एक बयान में कहा कि मंत्री 18 हजार न्यूनतम वेतन देना और वर्कर व हेल्पर को तीसरे व चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना मुख्य मांगे हैं। इन पर मंत्री ने कुछ नहीं बोला। जब तक ये मांगे नहीं मानी जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। यूनियन की उप प्रधान देवेंद्री शर्मा ने कहा की हड़ताल के दबाव मे गर्मी व सर्दी की छुट्टियों की अधिसूचना जारी करने का निर्णय सकारात्मक है । लेकिन उन्होंने साफ किया की जब तक उनकी उपरोक्त प्रमुख मांगों का समाधान नही होगा हड़ताल जारी रहेगी। डीसी आफिस ,मंत्रियों व विधायकों के आवासों पर प्रदर्शन करने के सिलसला जारी रहा।