साभार: अमर उजाला समाचार
हरियाणा के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक बढ़ा मकान किराया भत्ता अफसरों की कमेटी में उलझकर रह गया है। जनवरी 2016 से बढ़े एचआरए के नहीं मिलने से कर्मचारियों को हर महीने करीब सवा
करोड़ रुपये की चपत लग रही है, जिससे उनमें आक्रोश बढ़ने लगा है।
सातवें केंद्रीय वेतन आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को मूल वेतन का आठ फीसद, शहरों में 16 फीसद और महानगरों में तैनात कर्मचारियों को 24 फीसद एचआरए देने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में ही सिफारिशों को लागू कर दिया, जबकि प्रदेश सरकार ने बढ़े एचआरए का लाभ देने के लिए अफसरों की कमेटी बना दी। कमेटी की सिफारिशों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले साल अप्रैल में पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में एचआरए सहित अन्य भत्ताें में बढ़ोतरी करने का एलान भी कर दिया। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि हैरानी की बात है कि कुछ समय बाद एचआरए में बढ़ोतरी करने के लिए कमेटी का फिर से गठन कर दिया गया जिसकी कोई जरूरत नहीं थी।