Sunday, March 24, 2019

US समर्थित बलों ने की इस्लामिक स्टेट (ISIS) पर जीत की घोषणा

साभार: जागरण समाचार 
सीरिया में अमेरिका समर्थित बलों ने शनिवार को घोषणा की कि उन्होंने इस्लामिक स्टेट (IS) द्वारा पूर्वी
सीरिया के बघौज़ गांव में कब्जा करे हुए आखिरी इलाके पर जीत हासिल कर ली हैं। उन्होंने बताया कि इस्लामिक ख़िलाफ़त को समाप्त कर दिया गया।
अमेरिका समर्थित बलों ने की इस्लामिक स्टेट पर जीत की घोषणासीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज के प्रवक्ता मुस्तफा बाली ने ट्वीट कर कहा 'बघौज अब स्वतंत्र है और आईएसआईएस के खिलाफ सेना ने जीत हासिल की है'। बता दें कि बघौज में आईएस के अंतिम गढ़ को खत्म करने से उग्रवादियों के स्व-घोषित खिलाफत का अंत होता नजर आ रहा है। जो सीरिया और इराक के बड़े हिस्से में फैला हुआ है।
अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा इस क्षेत्र पर जीत हासिल करने के लिए एक लंबा समय लगा। तकरीबन पांच साल की जंग के बाद यहां पर कब्जा किया गया। इसमें 100,000 से अधिक बमों को इस्तेमाल हुआ और मौतों का आंकड़ा बताना काफी मुश्किल है।
एक दिन पहले, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस बात की जानकारी दी थी कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी का अब सीरिया में किसी भी क्षेत्र पर कोई नियंत्रण नहीं रहा हैं। बताया गया कि बघौज में एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने शनिवार को मोर्टार और गोलियों की आवाज सुनने की सूचना दी, जो बघौज की ओर से आ रही थी, जहां एक दिन पहले अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन ने हवाई हमले किए गए थे। हालांकि एसडीएफ के प्रवक्ता किनो गेब्रियल ने शुक्रवार को एपी एजेंसी को बताया कि अभी भी आईएस के लड़ाके बघौज के पास गुफाओं में छिपे हुए हैं और अभी भी इन पर कार्रवाई जारी है।
इस्लामिक स्टेट पर जीत पाना बेहद जरूरी हो चला था। आईएस समूह ने सीरिया और इराक दोनों में एक तिहाई शासन किया। लाखों लोगों को इस्लामिक कानून की तरफ से कठोर सजा दी जाती रही और हिंसक व्याख्या के लिए बंधक बना लिया जाता था। आतंकी संगठन ने बड़े पैमाने पर नरसंहार किए। यहां तक की 2014 में हजारों महिलाओं और लड़कियों को पकड़ कर उन्हें गुलामी में मजबूर कर दिया गया। आज तक भी कई लापता हैं।
बता दें कि इस आतंकी संगठन ने दुनिया भर में हमलों के लिए एक लॉन्चपैड के रूप में अपनी खिलाफत का इस्तेमाल किया। इस्लामिक स्टेट ने 2015 में पेरिस में हमले किए। इस हमले में 130 से अधिक लोगों की जान गई थी। हालांकि अब आईएस ना तो सीरिया और ना ही इराक में किसी भी क्षेत्र पर अपना मुकाम रखता है, लेकिन ये संगठन दोनों देशों में अपने विद्रोही हमलों को अंजाम दे सकता है।