साभार: जागरण समाचार
अमेरिका ने भारत के एंटी सेटेलाइट (ए-सैट) मिसाइल परीक्षण की जासूसी करने की खबरों से इन्कार कर दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमेरिका एक विशेष टोही विमान के जरिये भारत के उपग्रह
रोधी मिसाइल के परीक्षण की जासूसी कर रहा था। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय 'पेंटागन' ने इन आरोप को खारिज कर दिया, लेकिन कहा कि उन्हें भारत के ए-सैट मिसाइल परीक्षण की जानकारी थी।
पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल डेविड डब्ल्यू इस्टबर्न ने कहा, 'भारत की जासूसी नहीं की जा रही थी। अमेरिका, भारत के साथ अपनी साझेदारी को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इसी से दोनों देशों के आर्थिक संबंध मजबूत हुए हैं।'
बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत बुधवार को ए-सैट मिसाइल के सफल परीक्षण की घोषणा की थी। अमेरिका, रूस व चीन के बाद भारत 'एंटी सेटेलाइट मिसाइल' का सफल परीक्षण करने वाला चौथा देश बन गया है। 'मिशन शक्ति' की सफलता की खबर आने पर एयरक्राफ्ट स्पॉट ने कहा था कि अमेरिकी वायुसेना का एक विमान भारत के ए-सैट परीक्षण की निगरानी करने के लिए बंगाल की खाड़ी में भेजा गया था।
सैन्य विमानों की निगरानी करने वाले एयरक्राफ्ट स्पॉट के दावे के बाद कई लोगों का मानना था कि अमेरिका भारत की जासूसी कर रहा था। इस्टबर्न ने इन आरोपों को बेबुनियाद ठहराया और कहा, 'दोनों ही देश एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करते हैं।'
परीक्षण से आइएसएस को खतरा नहीं: अमेरिका का कहना है कि भारत के एंटी सेटेलाइट मिसाइल परीक्षण से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) को कोई खतरा नहीं है। परीक्षण के दौरान भारतीय वैज्ञानिकों ने 300 किलोमीटर दूर लो अर्थ ऑर्बिट में एक लाइव सेटेलाइट को मार गिराया था। अमेरिकी ज्वाइंट फोर्स स्पेस कंपोनेंट कमांड (जेएफएससीसी) उस सेटेलाइट के टूटे हुए 250-270 टुकड़ों को ट्रैक कर रहा है।