साभार: जागरण समाचार
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों को तीन बार खारिज कर चुके कुलदीप बिश्नोई के कांग्र्रेस की परिवर्तन यात्रा से गायब होने का राज पता चल गया है। दरअसल, गैर जाट कुलदीप बिश्नोई को पूर्व मुख्यमंत्री
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रूप में जाट नेतृत्व पसंद नहीं है। अपनी गैर जाट नेता की छवि को बरकरार रखने के लिए कुलदीप बिश्नोई ने हुड्डा का नेतृत्व स्वीकार करने से परहेज रखा हुआ है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक में गैर हाजिर रहने के बाद कुलदीप बिश्नोई परिवर्तन यात्रा में भी शामिल नहीं हुए थे। यह यात्रा जब कुलदीप के हिसार संसदीय क्षेत्र में पहुंची, तब भी वह नहीं दिखे। कांग्रेस नेतृत्व तक जब यह बात पहुंची को खुद उनके विरोधियों ने हवा चलाई कि कुलदीप बिश्नोई भाजपा में जाने वाले हैैं। उनकी पिछले दिनों भाजपा प्रभारी डाॅ. अनिल जैन के साथ मुलाकात की भी चर्चा सामने आई, लेकिन कुलदीप समर्थकों का दावा है कि डाॅ. अनिल जैन से बिश्नोई की मुलाकात नहीं हुई थी।
चर्चा है कि इसकी बड़ी वजह यह थी कि जिस मध्यस्थ के जरिये कुलदीप भाजपा नेतृत्व तक पहुंचना चाहते थे, उसे वह पहले ही अपनी शर्त बता चुके थे। कुलदीप हिसार की टिकट के साथ ही केंद्र में मंत्री पद और पांच विधानसभा सीटें चाहते थे। एक सीट पर उनकी अपने बेटे भव्य बिश्नोई को चुनाव लड़ाने की मंशा है। कुलदीप अभी से भाजपा पर अपने बेटे को भी प्रदेश में मंत्री बनाने का दबाव बना रहे थे, जिस कारण उनकी बात सिरे नहीं चढ़ पाई।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के रोड शो में शामिल होकर कुलदीप ने अपने खिलाफ चल रही मुहिम और तमाम अटकलों को तो खारिज किया। इसके साथ ही अपनी गैर जाट नेता की छवि भी बरकरार रखने की कोशिश की। कुलदीप ने एक बातचीत में संकेत दिया कि उन्हें हुड्डा का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वह हर उस जगह नजर आएंगे, जहां राहुल गांधी और कांग्रेस होगी।
हुड्डा के नेतृत्व से जुड़े सवाल पर कुलदीप ने बार-बार कहा कि राहुल गांधी ही उनके नेता हैैं। कुलदीप के इस बयान के बाद जब कुछ लोगों ने एक ही जगह पर कुलदीप और हुड्डा की हलवा खाते हुए पुरानी फोटो वायरल की तो उनके समर्थकों ने सफाई दी कि अपनी गैर जाट नेता की छवि को बनाए रखने के लिए कुलदीप किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे।