साभार: जागरण समाचार
इनेलो के पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं विधायक रणबीर गंगवा की भाजपा में एंट्री अभय चौटाला को रास आ सकती है। भाजपा रणबीर गंगवा को हिसार लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है। इनेलो से अलग
होकर जननायक जनता पार्टी बनाने वाले सांसद दुष्यंत चौटाला फिर हिसार के चुनावी रण में ताल ठोंकने को तैयार बैठे हैं। कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई अथवा उनके पुत्र भव्य बिश्नोई उम्मीदवार होंगे। इस त्रिकोणीय मुकाबले में रणबीर गंगवा बाकी उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती पेश करेंगे, जिससे इनेलो को अपना निशाना साधने में मदद मिल सकेगी।
रणबीर गंगवा इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के विश्वासपात्रों में शामिल रहे हैं। विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने गंगवा को संगठन में लगातार अहमियत दी। इनेलो के दो फाड़ होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भाजपा के साथ गठबंधन की पेशकश करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पिछले दिनों मुलाकात भी की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी इसी कोशिश में हैं कि भाजपा व इनेलो के बीच गठजोड़ हो जाए, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इनेलो हाल फिलहाल सिर्फ लोकसभा चुनाव को लेकर समझौता करने की बात कह रहा है, लेकिन भाजपा का दबाव विधानसभा चुनाव को लेकर भी अभी से सीटों का बंटवारा कर लेने का है, जिस पर दोनों दलों के बीच बात नहीं बन रही है।
भाजपा व इनेलो के गठबंधन से इतर बात करें तो दुष्यंत चौटाला अपने चाचा विपक्ष के नेता अभय चौटाला के निशाने पर हैं। यही स्थिति अभय चौटाला के लिए है। वे अपने भतीजे दुष्यंत के निशाने पर हैं। जींद उपचुनाव में इनेलो उम्मीदवार उम्मेद सिंह जमानत भी नहीं बचा पाए थे, लेकिन अभय चौटाला का मकसद अपने छोटे भतीजे दिग्विजय सिंह को हराने का था, जिसमें वह कामयाब भी रहे हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के सहयोग से दिग्विजय हालांकि दूसरे नंबर पर रहे, लेकिन अभय चौटाला को उनकी हार खूब रास आई। यही स्थिति अब हिसार लोकसभा के चुनावों की है।
हिसार में दुष्यंत चौटाला या तो खुद चुनाव लड़ेंगे अथवा अपनी विधायक माता नैना चौटाला को मैदान में उतार सकते हैं। कांग्रेस से कुलदीप बिश्नोई अथवा उनके बेटे भव्य बिश्नोई चुनाव लड़ने को तैयार हैं। भाजपा यदि इनेलो से आए रणबीर गंगवा पर दांव खेलती है तो उन्हें भाजपा का परंपरागत वोट बैंक मिलने के साथ ही इनेलो के वोट बैंक का बड़ा हिस्सा मिलेगा। यहां यदि गंगवा मजबूत होते हैं तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला अपने भतीजे अथवा उनकी मां नैना चौटाला को लोकसभा में न पहुंचने देने के अपने छिपे हुए एजेंडे में कामयाब हो सकते हैं।