साभार: जागरण समाचार
लोकसभा चुनाव की सियासी गरमी में कांग्रेस ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की डायरी का बम भाजपा पर फोड़ा है। पार्टी ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए येदियुरप्पा की ओर से 1800 करोड रूपये की
रिश्वत भाजपा के शीर्ष नेताओं को देने का आरोप लगाते हुए इसकी लोकपाल से जांच की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इन आरोपों को लपकते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और अरुण जेटली सभी को निशाने पर ले लिया।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री को सामने आकर येदियुरप्पा की डायरी में 1800 करोड रुपये के भुगतान के ब्यौरे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। पीएम को यह बताना चाहिए कि 'येदि डायरी' में पैसे दिए जाने की जो चर्चा है वह पैसा लिया गया है या नहीं। सुरजेवाला ने एक पत्रिका की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह डायरी इनकम टैक्स विभाग के कब्जे में है और इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कांग्रेस नेता ने कथित डायरी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और नितिन गडकरी से लेकर भाजपा के तमाम बड़े नेताओं का इस लेन-देन में नाम है। सुरजेवाला ने कहा कि आयकर विभाग ने अभी तक इस डायरी पर जांच कर कार्रवाई क्यों नहीं की यह भी बड़ा सवाल है। उनके अनुसार येदियुरप्पा की डायरी का यह मसला नये लोकपाल की जांच के लिए बिल्कुल सही केस है। इसीलिए प्रधानमंत्री को आगे आकर इसकी जांच करानी चाहिए कि आखिर पैसा कहां गया।
सुरजेवाला ने कहा कि डायरी में भाजपा नेताओं के अलावा कई दूसरे लोगों को भी पैसे देने का जिक्र है। उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में येदिुयरप्पा और भाजपा के दिवंगत नेता अनंत कुमार की बातचीत के टेप पर भी कोई कार्रवाई न होने को लेकर सवाल उठाया। कांग्रेस के इस प्रहार के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 'भाजपा के सारे चौकीदार चोर हैं। नो मो, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह।'
बीएस येदियुरप्पा का जवाब: कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों पर भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता दिमागी रूप से दिवालिया हो चुके हैं, वे मोदी जी की बढ़ती लोकप्रियता से निराश हैं, उन्होंने लड़ाई शुरू होने से पहले ही हार मान ली है। आईटी विभाग के अधिकारी पहले ही साबित कर चुके हैं कि दस्तावेज जाली और नकली हैं। उन्होंने आगामी चुनावों में फायदा उठानो के लिए मीडिया में एक कहानी रची है।
कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे अप्रासंगिक और झूठे हैं। मैं संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ चर्चा कर रहा हूं। इस बारे में बयान जारी कर केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का कहना है कि डीके शिवकुमार और उनके ग्रुप मामले में आयकर विभाग ने कर्नाटक और गोवा में छापेमारी की। इस दौरान उनके और उनकी कंपनी के खिलाफ बड़े पैमाने पर सबूत मिले। जांच के दौरान छापा मारने वाली पार्टी को कुछ खुले पेपर दिए गए। वे 2009 के कर्नाटक विधानसभा के विधायक की डायरी के पन्नों के जिराक्स कापी थे, जिसमें कुछ नामों की संख्यात्मक प्रविष्टियों के विवरण दिए गए थे। इसके मूल दस्तावेज कभी नहीं दिए गए थे। 19 अक्टूबर 2017 को आइटी एक्ट (1961) के तहत दर्ज बयान में डीके शिवकुमार के सामने वे नाम रखे गए। इसकी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि यह बीएस येदियुरप्पा द्वारा लिखी गई डायरी की प्रति थी। जब वह सत्ता में थे तो विधायकों और मंत्रियों को भुगतान किया गया था।