साभार: जागरण समाचार
जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगवाने के लिए फ्रांस यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के
साथ मिलकर कार्य कर रहा है। जर्मनी भी इस मामले में उसका सक्रिय सहयोग कर रहा है। माना जा रहा है कि 28 देशों का यह समूह जल्द ही इस बाबत महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है। यह जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय ने दी है।
प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि फ्रांस ने मसूद अजहर से जुड़े मामले को आगे बढ़ाते हुए इसे यूरोपीय यूनियन (ईयू) के समक्ष रखा है। वहां पर अजहर के आतंकी घोषित होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जल्द ही परिणाम सामने होगा। ईयू में सहमति के आधार पर फैसला होगा। फ्रांस खुद यूरोपीय यूनियन का महत्वपूर्ण सदस्य है। फ्रांस ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ मिलकर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव रखा था।
सुरक्षा परिषद के कुल 15 स्थायी और अस्थायी देशों में से 14 ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। लेकिन चीन के वीटो लगा देने से वह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका था। इसी के बाद फ्रांस ने अजहर को यूरोपीय यूनियन का आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के संकेत दिए थे। फ्रांस सरकार ने अपने देश में अजहर को आतंकी घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मुहम्मद पर जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी को पुलवामा में आत्मघाती हमला करवाकर 40 सीआरपीएफ जवानों की हत्या का आरोप है। यह संगठन 2016 में पठानकोट एयरबेस और उससे पहले संसद पर भी आतंकी हमला करवा चुका है।