साभार: जागरण समाचार
भगवा आतंकवाद का दंश झेलने के बाद बरी हुए स्वामी असीमानंद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैैं। NIA की विशेष अदालत के फैसले की कॉपी मिलने के बाद असीमानंद और उनके वकील इस
पर चर्चा कर अंतिम फैसला लेंगे।
असीमानंद के वकील मुकेश कुमार गर्ग व मनबीर राठी ने कहा कि इस मामले में तत्कालीन सरकार द्वारा भगवा आतंकवाद का नाम देकर स्वामी असीमानंद एवं दूसरे आरोपितों को फंसाकर कई साल जेल में रखा गया।
बता दें, बहुचर्चित समझौता एक्सप्रेस बम ब्लास्ट में राष्ट्रीय जांच एजेसी (NIA) की विशेष अदालत ने स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेंद्र चौधरी को बरी कर दिया था। इस मामले में आठ आरोपित थे, जिनमें सुनील जोशी की मौत हो गई है। रामचंद्र कलासंगरे, संदीप डांगे और अमित को NIA ढूंढने में विफल रही थी। ये भगोड़ा घोषित हैैं।
इन धाराओं में चला था केस: भादंसं की धारा 120-3, 302, 307, 324, 326, 124-ए, 438 और 440 का आइपीसी, रेलवे अधिनियम की धारा 150,151,152, विस्फोटक की धारा 3, 4, 6 पदार्थ अधिनियम 1908 और धारा 3, 4 जनता की क्षति की रोकथाम संपत्ति अधिनियम 1984 और धारा 13,16, यूए (पी) अधिनियम के 18 और 23 के तहत केस चला।