पंचकूला हिंसा की आरोपी मास्टरमाइंड हनीप्रीत इंसा हरियाणा पुलिस की एसआईटी को पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है। दूसरी ओर उसके बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सामने आया कि हनीप्रीत ही डेरे में सारा
फाइनेंस का काम संभालती थी। पंचकूला में हुए दंगा को लेकर 17 अगस्त की मीटिंग के बाद चमकौर को सवा करोड़ रुपए देकर उसी ने भेजा था। बड़ी बात यह है कि डेरा प्रमुख के परिवार, फिल्म और खर्च से संबंधित सारे काम हनीप्रीत के हाथ में होते थे। इसके चलते 38 दिनों तक फरार होने के बाद भी उसे किसी भी प्रकार से रुपयों की तंगी नहीं आई। पंचकूला पुलिस की एसआईटी टीमें गुरुवार को उसे पंजाब के बठिंडा लेकर गई, जहां से देरशाम टीम लौटी। वहीं इस इस दौरान पुलिस के हाथ कुछ खास नहीं लगा, क्योंकि सिर्फ ये पता चला है कि हनीप्रीत जब दिल्ली गई, तो उसके साथ दो गाड़ियां थीं। पंजाब के ही कुछ लोगों ने उसकी मदद की थी। इधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पुलिस अधिकारियों की मीटिंग के साथ डेरा प्रकरण में जुटी एसआईटी के अधिकारियों से भी बातचीत की।
अंदर की बात: हनीप्रीत ने कहा- मुझसे ऐसे कैसे बात कर सकते हो: सूत्रों के अनुसार जब मंगलवार रात आईजी लेवल के अधिकारी हनीप्रीत से बात कर रहे थे तो उसने कहा- तुम लोग मुझे घेरकर ऐसे पूछताछ नहीं कर सकते हो, मुझे कोई टच भी नहीं कर सकता है। एक अधिकारी ने कहा-कुछ नहीं करेंगे। लेकिन महिला अधिकारी बात भी करेंगी, पूछताछ भी करेंगी, और टच भी करेंगी।
सुखदीप ने खोले हनीप्रीत के राज: सूत्रों के अनुसार सुखदीप ने पुलिस को बताया कि हनीप्रीत की डेरे के अंदर इस कद्र साख है कि वो अब भी जिस किसी को कॉल करती थी, वो किसी किसी के हाथ रुपए उसके पास पहुंचा देता था। उसके पास खुला कैश आता था। हनीप्रीत के पास कई मोबाइल सिम कार्ड रहे हैं, वो कई कार्ड को तोड़ भी देती थी और कइयों को फेक देती थी। गाड़ी में अपनी ओर के शीशे पर तोलिए को लगाकर रखती थी। वहीं रूट्स के बारे में भी उसे पूरी जानकारी है, क्योंकि हमने कभी कहीं किसी से रास्ता नहीं पूछा। दिल्ली कोर्ट में मैं उसके साथ थी, हम दोनों बठिंडा से ही गए थे। वहीं उसके बारे में मेरे रिश्तेदारों को पूरी जानकारी थी, जिनके मकान में हम बठिंडा में रह रहे थे। हनीप्रीत के पास इंटरनेशनल नंबर मौजूद थे, जब भी उसे कोई जरूरी बात करनी होती थी, तो वो मुझे गाड़ी से नीचे जाने को कहती थी।
एसआईटी के वो सवाल, जिन पर उलझी हनीप्रीत:
Q. फरार होने के दौरान किन-किन लोगों से मिली और रुपयों का सर्कल कैसे घुमाया गया?
A.सिर हिलाकर मना किया और कहा- कुछ याद नहीं हैं। मैं किसी से मिली नहीं।
Q.डेरे में सारा कैश का काम तुम संभालती थी, तुमने ही 17 अगस्त को मीटिंग ली थी?
A.क्या हर मीटिंग दंगा करवाने के लिए होती है।
Q.पंजाब में जिनके साथ रही हो, उनके बारे में बताओ?
A.सुखदीप के साथ थी मैं तो।
Q.आखिर बार-बार रुपए देने के लिए किसे कॉल करती थी, तुम्हारे नंबर और मोबाइल कहां हैं?
A.कोई रुपए देने के लिए नहीं आया, मेरे पास नंबर भी नहीं हैं।
Q.तुमने दंगा क्यों करवाया?
A.सिर हिलाकर मना कर दिया और चुप रही। कुछ बोली ही नहीं।
Q.दंगों के लिए क्या प्लानिंग थी?
A.मेरी कोई प्लानिंग ही नहीं थी।
A.सिर हिलाकर मना किया और कहा- कुछ याद नहीं हैं। मैं किसी से मिली नहीं।
Q.डेरे में सारा कैश का काम तुम संभालती थी, तुमने ही 17 अगस्त को मीटिंग ली थी?
A.क्या हर मीटिंग दंगा करवाने के लिए होती है।
Q.पंजाब में जिनके साथ रही हो, उनके बारे में बताओ?
A.सुखदीप के साथ थी मैं तो।
Q.आखिर बार-बार रुपए देने के लिए किसे कॉल करती थी, तुम्हारे नंबर और मोबाइल कहां हैं?
A.कोई रुपए देने के लिए नहीं आया, मेरे पास नंबर भी नहीं हैं।
Q.तुमने दंगा क्यों करवाया?
A.सिर हिलाकर मना कर दिया और चुप रही। कुछ बोली ही नहीं।
Q.दंगों के लिए क्या प्लानिंग थी?
A.मेरी कोई प्लानिंग ही नहीं थी।
जेल में गुरमीत से 1.50 घंटा वकीलों ने की मुलाकात: दुष्कर्मी राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत के गिरफ्तार होने के बाद हालातों की जानकारी देने के लिए गुरुवार को दो वकील सुनारियां जेल पहुंचे। यहां पर जेल में बंद गुरमीत से दोनों वकीलों एसके नरवाना और गुरदास सिंह ने मुलाकात की। साथ ही गुरमीत को सरकार और पुलिस के रवैये के बारे में पूरी जानकारी दी गई। शाम 4 बजकर 40 मिनट पर गुपचुप तरीके से दोनों वकील सुनारियां जेल पहुंचे। इसके बाद 6 बजकर 30 मिनट पर दोनों वकील बाहर आए और चंडीगढ़ की ओर ही रवाना हो गए। अब चर्चा है कि हनीप्रीत को भी सुनारिया जेल में भेजा जा सकता है।