Friday, October 6, 2017

फिर डोकलाम विवाद गरमाने में लगा चीन, 500 जवानों की सुरक्षा में बना रहा सड़क

साभार: भास्कर समाचार
चीन एक बार फिर डोकलाम मामले को गरमाने में लग गया है। वह इस विवादित क्षेत्र में सड़क का विस्तार कर रहा है। इसमें लगे कर्मचारियों को उसके 500 जवान सुरक्षा दे रहे हैं। यह निर्माण उसी सिक्किम के इलाके में हो
रहा है, जहां करीब एक महीने पहले भारत ने आक्रामक रणनीति अपनाकर चीन की सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। चीन की सेना डोकलाम पठारी क्षेत्र में जहां सड़क निर्माण कर रही है, वह पिछली बार के विवादित क्षेत्र से महज 10 किमी दूर है। चीन ने सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाला सामान वहां शिफ्ट किया है। 
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चीनी सैनिकों ने वहां स्थायी ठिकाना बनाया है या नहीं। आर्मी के सूत्रों का कहना है कि चीन ऐसा कर डोकलाम क्षेत्र में अपना दावा मजबूत करना चाहता है। चीन और भूटान दोनों डोकलाम क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं। उधर, इलाके में भूटान के दावे का फिर से समर्थन करते हुए भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि डोकलाम के दक्षिण में स्थित 'चिकन नेक' के पास चीन के किसी भी तरह के निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
चीन ने अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी: उधर, चीन ने भारत जाने वाले अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। भारत में स्थित चीनी दूतावास ने कहा कि अंडमान निकोबार और अन्य विवादित क्षेत्र में जाने के लिए वीजा नहीं दिया जाएगा। चीन ने चार महीने में तीसरी बार ऐसी चेतावनी जारी की है। 
70 दिन के विवाद के बाद चीनी सेना पीछे हटी थी: इसी जून के मध्य में चीन ने डोकलाम में सड़क का विस्तार करना शुरू किया था। भारतीय जवानों ने सिक्किम की सीमा पार कर 'चिकन नेक' के सामने उसे सड़क बनाने से रोक दिया था। यह वह इलाका है जो भारत को उत्तर-पूर्व राज्यों से जोड़ता है। भारत के कड़े रुख और 70 दिन के विवाद के बाद चीनी सेना पीछे हटी थी। चीनी प्रवक्ता ने कहा था कि उसने बुलडोजर समेत सड़क निर्माण में लगे सभी मशीन हटा लिए। इसके बाद भारतीय जवान भी लौट आए थे। 
सामरिकदृष्टि से बेहत महत्वपूर्ण है डोकलाम: डोकलाम भारत, चीन और भूटान सीमा के तिराहे पर स्थित है। भारत के नाथुला पास से यह 15 किमी दूर है। साल 1949 में हुई संधि में यह तय हुआ था कि भारत पड़ोसी देश भूटान की विदेश नीति और रक्षा मामलों का मार्गदर्शन करेगा। हालांकि 2007 में नई संधि में यह वैकल्पिक हो गया। उधर, 1988 और 1998 में चीन और भूटान के बीच समझौता हुआ था कि दोनों देश डोकलाम क्षेत्र में शांति बनाए रखेंगे। यह इलाका भारत के लिए सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। डोकलाम पर चीन अगर सड़क बना लेता है तो भारत के चिकन नेक तक उसकी पहुंच बहुत आसान हो जाएगी और इससे पूर्वोत्तर से शेष भारत के कटने का खतरा बना रहेगा।