साभार: भास्कर समाचार
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुखी गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई दस दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है। इसके साथ ही दोनों
पीड़ित साध्वियों की तरफ से भी सजा को बढ़ाकर उम्र कैद में तबदील किए जाने की मांग की गई है। दोनों याचिकाओं पर एक साथ ही सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत जस्टिस सुधीर मित्तल की खंडपीठ सुनवाई करेगी। याचिका में पंचकूला की विशेष अदालत के 25 अगस्त को दोषी ठहराने और 28 अगस्त को सजा सुनाने के फैसले को खारिज करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि सीबीआई की अदालत ने सभी तथ्यों को कंसीडर नहीं किया। महज अफवाहों के आधार पर ही सजा सुना दी गई। अपील में कहा गया कि बाबा का मेडिकल तक नहीं कराया गया। यह जानना भी जरूरी नहीं समझा गया कि बाबा रेप कर भी सकते हैं या नहीं। यही नहीं दो अलग अलग डेरों में अलग अलग समय पर हुए रेप के मामलों को एक साथ कर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया। इसमें भी पीडि़ता एक साल तक कुछ नहीं बोली। अपने घर वालों को भी कुछ नहीं बताया। यदि बताया तो फिर वे एक साल तक चुप क्यों रहे। ऐसे में आरोप साबित करने में खामियों के बावजूद जज ने पूर्वाग्रह के आधार पर ही सजा सुना दी। दूसरी तरफ साध्वियों की तरफ से 10 साल की सजा को उम्र कैद में तबदील करने की मांग करते हुए कहा गया कि यह मामला भावनाओं से खिलवाड़ का है जहां गुरु ने अपनी अनुयायी से रेप किया। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा सजा देकर एक उदाहरण तय किया जाए।