Sunday, October 8, 2017

दिवाली पर बिकेंगे 25 टन सोने के सिक्के, इस बार 15% ज्यादा

साभार: भास्कर समाचार
इस बार दीपावली पर 10 से 15 फीसदी अधिक सोने के सिक्कों की बिक्री होगी। जीएसटी काउंसिल द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में संशोधन के बाद ज्वैलर्स को बिक्री बढ़ने का अनुमान है। जबकि इससे पूर्व कारोबारियों को
पिछले फेस्टिव सीजन से भी कम बिक्री की आशंका थी। कारोबारियों और सोने की जुड़ी संस्थाओं के मुताबिक इस बार फेस्टिव सीजन में (नवरात्र से दीपावली) देश में 25 से 30 टन सोने के सिक्के बिकने का अनुमान है। एक ग्राम और 10 ग्राम के सिक्के सर्वाधिक पसंद किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में धनतेरस के दृष्टिगत 17 अक्टूबर को गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स, ईटीएफ का कारोबार शाम सात बजे तक होगा। सामान्य तौर पर एनएसई में कारोबार साढ़े तीन बजे तक होता है। देश में गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बाॅन्ड की भी खरीदारी अक्षय तृतीया और धनतेरस के मौके पर लोगों के द्वारा की जाती है। एसबीआई, आईसीआईसीआई और अन्य प्रमुख बैंकों ने भी अक्षय तृतीया और धनतेरस पर ब्रांच में अलग से काउंटर खोलकर सिक्के बेचने की तैयारी की बात कही हैं। 
शुक्रवार को केंद्र सरकार ने 50 हजार रुपए से ज्यादा के सोने की खरीदी पर पैन कार्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यानी कि पहले जहां पैनकार्ड के बिना ग्राहक 15 ग्राम तक सोना खरीद पाते थे। वहीं अब वे 70 ग्राम तक सोना बिना पैनकार्ड के खरीद सकेंगे। ऐसे में ऐन त्योहारी मौके पर इस निर्णय से बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। 
ग्राहकों द्वारा सर्वाधिक मांग एक ग्राम और 10 ग्राम के सिक्कों की रहती है। देश में बिक्री के लिए अलग-अलग वजन के 100 ग्राम तक के सोने के सिक्के मिलते हैं। इस संबंध में बात करने पर देश के सबसे बड़े ज्वैलर्स राजेश एक्सपोर्ट्स के चेयरमैन राजेश मेहता ने बताया कि इस बार नवरात्र से दीपावली तक फेस्टिव सीजन में 25 से 30 टन सोने के सिक्कों की बिक्री होने का अनुमान है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एमडी इंडिया सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के कारण रिटेल में कारोबार नहीं हो पा रहा था लेकिन अब डिमांड बढ़ेगी। भारत में 200 टन गोल्ड बार और सिक्कों का कारोबार एक वर्ष में होता है। जहां तक सिक्कों की बात है तो 80 से 100 टन सिक्कों की बिक्री प्रतिवर्ष होती है। ज्यादातर सिक्कों की बिक्री गिफ्ट के लिए होती है। उन्होंने कहा कि देश में होने वाल सोने की बिक्री का 15 फीसदी हिस्सा निवेश के लिए खरीदा जाता है। वहीं पीसी ज्वैलर्स के चीफ फाइनेंस ऑफिसर संजीव भाटिया ने कहा कि हमने अपने शोरूम्स को पिछले साल की तुलना में पांच से 10 फीसदी अधिक स्टॉक दिया है। हमारे यहां 22 कैरेट की आठ ग्राम वजन वाली गिन्नियों और 10, 20 ग्राम के सोने के सिक्कों की मांग रहती है। 
अहमदाबाद के गिरीश कुमार रतनलाल चौकसी एंड ब्रदर्स के प्रमुख गिरीश चौकसी कहते हैं कि त्यौहारी सीजन में अहमदाबाद में 150 से 200 किलो और गुजरात में एक टन सोने के सिक्कों की बिक्री होने का अनुमान है। सिक्कों में बनवाई के बाद ज्वैलर्स को प्रति सिक्का 100 से 150 रु. का मार्जिन मिलता है जैसे-जैसे सिक्कों का वजन बढ़ता जाता है मार्जिन और कम होता है। निवेश करने या गिफ्ट देने के लिए ही लोग सोने का सिक्का खरीदते हैं। आभूषणों की तुलना में कम मार्जिन के कारण कुछ ज्वैलर्स सोने के सिक्के बेचना कम पसंद करते हैं।

गोल्ड ईटीएफ निवेश में हुआ घाटा: जो लोग सोना निवेश के लिए खरीदते हैं उन्हें बीते एक साल में घाटा उठाना पड़ा है। सोने के दाम 900 रु. प्रति दस ग्राम कम हुए हैं। साथ ही प्रमुख गोल्ड ईटीएफ में भी निवेशकों को नुकसान हुआ है। वहीं दूसरी ओर सरकारी ट्रेडिंग कंपनी एमएमटीसी के रिटेल हेड जीएम रवि किशोर ने बताया कि हम सरकार द्वारा जारी किए गए सिक्कों को सात बैंकों की 450 ब्रांच के द्वारा बेंचेगे। 5, 10 और 20 ग्राम के सिक्कों का स्टॉक ब्रांच को दिया गया हैं। अक्षय तृतीया और धनतेरस को 300 से 400 किलो सिक्के हम बेचेंगे। 
25% सिक्के दिवाली पर खरीदे जाते हैं: आल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने भास्कर से कहा कि सरकार के द्वारा एक्ट में संशोधन करने के बाद ग्राहकों और कारोबारियों दोनों को सुविधा हुई है, अब तक जीएसटी के बाद कारोबार में मंदी थी। सोने के सिक्के उपहार के तौर पर वर्षभर खरीदे-बेचे जाते हैं, लेकिन त्यौहारी सीजन में विशेषतौर पर अक्षय तृतीया और धनतेरस जैसे मौकों पर इनकी बिक्री ज्यादा होती है। कुल बेचे जाने वाले सिक्कों का 25 फीसदी दीपावली के दौरान में बेचे जाते हैं। 10 से 15 फीसदी सिक्के अधिक बेचे जाने का अनुमान है।