Sunday, October 8, 2017

चेंज मैनेजमेंट: असंभव शब्द किसी अदने से इंसान ने दिया है ताकि कुछ करना पड़े

कुछ बातें ऐसी होती हैं, जो आपको तैयार कर देती हैं कदम उठाने के लिए। जैसे बॉक्सर मोहम्मद अली ने कहा था कि असंभव वह शब्द है जो किसी अदने से आदमी ने उछाल दिया है, ताकि वह उस दुनिया में रह सके जो उसे
मिली है। उसे कुछ बदलना नहीं पड़े। असंभव कोई तथ्य नहीं है। यह एक विचार है। असंभव कोई घोषणा नहीं है। यह चुनौती है। असंभव शब्द एक संभावना का नाम है। यह अस्थायी है, क्योंकि असंभव कुछ नहीं है। इसी ताकत के साथ मोहम्मद अली जिंदगी भर लड़े और जीते। 
दरअसल इंसान की आदत होती है, कहानियां गढ़ने की। इसी आदत के कारण वो खुद को कहानियां सुनाता रहता है कि कोई काम वो क्यों नहीं कर पाया। इस तरह वो स्वयं में मौजूद संभावनाओं को कुचलता जाता है। वैसे स्वयं में कुछ कर गुजरने की हिम्मत जगाने का एक तरीका एक लेटिन कहावत से जगाया जा सकता है। यह कहावत है- याद रखिए एक दिन तो आपको मरना ही है। इसलिए आज से वो काम शुरू कर दीजिए जो करना चाहते हैं। दरअसल लोग समय रहते हिम्मत नहीं करते और समय निकल जाने के बाद शिकायत करते हैं। 
वक्ता और इंसान के बर्ताव के विषय पर अनुसंधान करने वाले स्टीव मारबोली कहते हैं कि काम ऐसा करो कि जब दिन खत्म हो तो आपको कोई पछतावा हो, कोई शिकायत हो और ही कोई सफाई देने की जरूरत पड़े। यानी काम इतनी तन्मयता और मन से करो कि आपको नजरअंदाज करना नामुमकिन हो। थक जाओ, असफल हो जाओ। कोई बात नहीं पर हार मत मानो। फिर कोशिश करो, फिर असफल हो जाओ। फिर कोशिश करो। बदलाव इसी तरह आता है। आपका जीवन इत्तफाक से अच्छा नहीं बन जाता। जीवन को बेहतर बनाने के लिए बदलाव की ओर बढ़ना होता है।