फर्जी डिग्री के खेल में बड़ा खुलासा हुआ है। प्राध्यापक ने पीएचडी कराने के लिए कॉलेज प्रोफेसर स्टाफ के अन्य सदस्यों के दाखिले कराए और बाद में जाली डिग्रियां थमा दी। एक साल से कार्रवाई में जुटी पुलिस ने आखिर
आरोपी प्राध्यापक को गिरफ्तार कर लिया है। अदालत से उसे 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पूछताछ में पुलिस फर्जीवाड़े के नेटवर्क तक पहुंचने का प्रयास करेगी।
पूर्व विधायक ने दी थी शिकायत: रेवाड़ी के अहीर कॉलेज के प्रोफेसरों स्टाफ के अन्य सदस्यों में से पांच लोगों ने सितंबर 2016 में प्राचार्य डॉ. ओएस यादव को कनीना निवासी अहीर कॉलेज के ही प्राध्यापक गजेंद्र कुमार के खिलाफ शिकायत दी। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाए कि गजेंद्र कुमार ने रुपए लेकर उन्हें घर बैठे डिग्री दिलाने की बात की थी। कहा कि आरोपी गजेंद्र कुमार ने वर्ष 2008-09 में पीएचडी कराने के लिए उनके एडमिशन दक्षिण भारत के विश्वविद्यालयों में कराए थे। वर्ष 2011 में आरोपी द्वारा एक-दो लोगों की डिग्री लाकर दी गई। डिग्रियों पर डाउट हुआ तो प्राध्यापकों ने पता किया तो डिग्रियां जाली होने की बात सामने आई। बात प्रिंसिपल तक पहुंची। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन समिति के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक राव यादुवेंद्र सिंह को इसकी लिखित शिकायत दी। इस पर कॉलेज में एक कमेटी का गठन कर डिग्रियों की जांच कराई गई। डिग्रियां फर्जी मिली तो राव यादुवेंद्र ने पुलिस को लिखा। पुलिस वेरिफिकेशन में भी ये डिग्रियां फर्जी मिली। इस पर सितंबर 2016 में ही पुलिस ने आरोपी गजेंद्र कुमार के खिलाफ के दर्ज कर लिया। शुक्रवार को आरोपी भाड़ावास गेट चौकी पुलिस की गिरफ्त में गया।
अलग-अलग विवि, कीमत 50 से 70 हजार: जो डिग्रियां आरोपी द्वारा दी गई वे आंध्र प्रदेश, कानपुर मेघालय स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों की हैं। फेक डिग्रियों के बदले 50 से 70 हजार रुपए तक वसूले गए। शिकायतकर्ताओं के तो आरोप यहां तक हैं कि काफी संख्या में लोगों से लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है। आरोपी द्वारा एक संस्थान भी चलाने की बातें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि विवाद उठने के बाद आरोपी की बावल राजकीय कॉलेज में भी ज्वाइनिंग हो गई थी।
जांच में हो सकते हैं कई खुलासे: उस समय आरोपी गजेंद्र सिंह की ओर से भी एसपी को कॉलेज में एनसीसी प्रमाण पत्र, पर्यावरण विषय पढ़ाने के नाम फर्जीवाड़ा करने गलत ढंग से नौकरियां देने का आरोप लगाते हुए शिकायत दी गई थी। यानी मामले की गहनता से जांच हो तो और भी खुलासे हो सकते हैं। इस लिहाज से सरकारी या एडेड कॉलेजों में नौकरी कर रहे काफी प्रोफेसर भी इस जांच के दायरे में सकते हैं।
तफ्तीश जारी: जांचकर्ता भाड़ावास चौकी प्रभारी एएसआई राकेश कुमार ने कहा कि ये पता लगाने का प्रयास है कि आरोपी ने फर्जी डिग्रियां तैयार कहां कराई। और कितने लोग इस खेल में जुड़े हुए हैं। इसके लिए तफ्तीश जारी है। उसे 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।