मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम में विरोध प्रदर्शन के डर से प्रशासन ने अजीब कदम उठाया। इससे प्रदेशभर से बुलाई गईं महिलाओं को असहज स्थिति से गुजरना पड़ा। जिन्होंने काले कपड़े पहने थे, उन्हें पंडाल में घुसने
ही नहीं दिया गया। जिन्होंने काली चुन्नी ओढ़ी थी, उन्हें चुन्नी उतारने या बदलने की शर्त पर एंट्री दी गई। ऐसे में कई महिलाएं कार्यक्रम में हिस्सा लिए बिना ही लौट गईं। बहरहाल, कुछ महिलाओं को दूसरे रंग की चुनरी दी भी गई। कार्यक्रम के बाद कई महिलाओं की वह चुन्नी भी गायब हो गई, जिसे पुलिस ने उतरवाया था। ऐसे में उन्हें बिना चुन्नी के ही घर लौटना पड़ा। दरअसल, पंचायती राज मंत्री ओपी धनकड़ ने शनिवार को स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेशभर के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को समारोह में आमंत्रित किया था। ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम में भीम स्टेडियम में काफी संख्या में महिला स्वयं सहायता सदस्य पहुंची थीं। ये कृत्य है महिलाओं का अपमान: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इनेला नेता अभय सिंह चौटाला, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान नवीन जयहिंद और इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने महिलाओं का अपमान करार दिया है।
नाॅॅर्म्स है कि काले कपड़े नहीं पहन सकते: एसपी सुरेंद्र भोंरिया ने कहा कि नाॅॅर्म्स के अनुसार सभा स्थल में काले रंग के कपड़े पहन कर नहीं जा सकते। इसलिए हमने काली चुनरियों के बदले अन्य रंगों की चुनरियां उन्हें दी। किसी महिला ने कोई विरोध नहीं जताया। चुनरियों की कमी की बात हमारे नोटिस में नहीं आई।
ऐसी कोई गाइड लाइन या निर्देश नहीं: डीजीपी बीएस संधू ने कहा कि महिलाओं के काले दुपट्टे उतरवाने के लिए मुख्यालय से किसी तरह के निर्देश अथवा गाइड लाइन नहीं थी। परिस्थितियों के हिसाब से अधिकारियों को ऐसे फैसले करने होते हैं। फिर भी भविष्य में ऐसा हो, इसके लिए जल्द दिशा-निर्देश जारी होंगे।