Wednesday, October 4, 2017

टीचिंग को कॅरिअर बनाना चाहते हैं तो रखें इन बातों का ध्यान

श्वेता रैना हार्वर्डबिज़नेस स्कूल की ग्रेजुएट talerang.com की सीईओ
साभार: भास्कर समाचार
यूनेस्को की2015 की रिपोर्ट के अनुसार भारत को प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 3 लाख 70 हजार नए शिक्षकों की जरूरत है।
प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन और प्रोफेशनल तथा तकनीकी संस्थानों तक में शिक्षकों की काफी कमी है। इसके लिए जरूरी है कि नए लोग इस पेशे से जुड़ें। हम सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों से सीखना शुरू कर सकते हैं। सिंगापुर और फिनलैंड जैसे देशों मंे सरकारें शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के इनसेंटिव देती हैं। फिनलैंड में शिक्षकों को अच्छी सैलरी मिलती है और महिलाओं को मातृत्व अवकाश की भी सुविधा है। सिंगापुर में बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले शिक्षकों की सैलरी में सालाना 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जाती है। 

जो क्रिएटिव तरीके से बच्चों को एंगेज रख सके, लर्निंग प्रक्रिया आसान बनाए, वह है अच्छा शिक्षक

छात्रों के साथ जुड़ना: टीचिंग में विषय के नॉलेज के साथ अच्छी कम्युनिकेशन स्किल भी जरूरी होती है। यह दोनों ही होने से कक्षा में शिक्षक का प्रभाव ज्यादा होता है। छात्रों के साथ दोस्ताना व्यवहार करने और थोड़ा सेंस ऑफ ह्यूमर उनके समझने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इससे छात्र बिना किसी झिझक के अपनी समस्याएं साझा करते हैं। अनचाही कठोरता और घमंड छात्रों से दूर कर देता है। अक्सर शिक्षकों का व्यवहार छात्रों के दिमाग को दिशा देता है।
प्लानिंग से काम करना: आगे की तैयारी करते हुए समस्या का हल ढूंढना और प्रो-एक्टिवली व्यवस्थित तरीके से काम करने से टीचिंग मंे तनाव काफी हद तक कम हो जाता है। हालांकि, इसके लिए व्यवस्था के अनुरूप ढलने की जरूरत होती है। कई बार यह मायने नहीं रखता कि आपने पहले से क्या प्लानिंग की है, अचानक चौंकाने वाली बातें सामने जाती हैं। चीजों को व्यवस्थित रखने से आपको जल्द और प्रभावी निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
प्रेरणात्मक होना: किसी भी एक विषय का विशेषज्ञ होना काफी नहीं है। छात्रों को लगातार एंगेज रखने के लिए शिक्षक को क्रिएटिव, एंगेजिंग, प्रेरणादायक और धैर्यवान बने रहना होता है। हर दिन एक जैसा नहीं होता है। कई बार आपको मुश्किल समय का भी सामना करना पड़ सकता है। धैर्य बनाए रखते हुए छात्रों को प्रेरणा देने से इस स्थिति से निपटा जा सकता है। किसी भी पाठ की प्लानिंग छात्रों का ध्यान आकर्षित करनी चाहिए। इसमें यह भी ध्यान देना होगा कि छात्रों को मजा भी आए और साथ में यह थोड़ा मुश्किल भी हो। छात्र अगली कक्षा के लिए उत्सािहत रहने चाहिए। बतौर शिक्षक यह मौका होता है कि छात्र को प्रेरणा दी जाए, ताकि वह अपने क्षेत्र में एक अच्छे लीडर के रूप मंे उभर सके। शिक्षक हमारे प्रेरणा के स्रोत होते हैं। एक अच्छा शिक्षक अपने छात्रों को जीवनभर याद रहता है। बतौर शिक्षक आप कल के लीडर तैयार कर सकते हैं। युवाओं को टीचिंग को बतौर प्रोफेशन देखना चाहिए- यह सिर्फ एक सम्मान नहीं है, बल्कि अपने आप में संपूर्ण है।