साभार: भास्कर समाचार
4जी तकनीकआने के बाद से देश में स्मार्टफोन की बिक्री तो बढ़ी ही है, साथ ही इंटरनेट का औसत उपयोग भी तेजी से बढ़ा है। वर्तमान में इंटरनेट किसी किसी
माध्यम से प्रत्येक काम में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। पिछले वर्षों में अर्थव्यवस्था भी इससे काफी हद तक प्रभावित हुई है। नोटबंदी के बाद इंडस्ट्री मंे कई मुद्दों में एक अहम मुद्दा डिजिटल पेमेंट का था। इंटरनेट की पहुंच ने डिजिटल पेमेंट को पेमेंट के एक सहज माध्यम के रूप में पेश किया। ऑनलाइन वेबसाइट से खरीदारी हो, टिकट बुक करना हो या दुकान में बिल चुकाना हो, डिजिटल माध्यमों का उपयोग आम होता जा रहा है। इससे देश की डिजिटल इकोनॉमी को मजबूत आधार मिला है और आने वाले वर्षों में इसका विस्तार होगा। ऐसे में यह रोजगार के बड़े माध्यम के रूप में उभरेगा। हाल ही में एक इवेंट में आईटी मिनिस्टर ने कहा कि डिजिटल इकोनॉमी के विस्तार से देश में 50 से 70 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे। सरकार ने अगले चार वर्षों मंे डिजिटल अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। डिजिटल पेमेंट इसमें काफी हद तक मददगार होगा। हाल ही में कई बड़ी कंपनियों ने डिजिटल बैंक की शुरुआत की है। कई बैंकों ने अपने मोबाइल वाॅलेट भी लॉन्च किए गए हैं। एक अनुमान के अनुसार 2022 तक देश में मोबाइल वॉलेट ट्रांजेक्शन की कुल वैल्यू करीब 32 अरब डॉलर हो जाएगी। डेलॉइट के अनुसार यह 126 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार का एक बड़ा कारण इंटरनेट इकोनॉमी भी है। 2016 के अंत तक देश की इंटरनेट इकोनॉमी करीब 115 अरब डॉलर के आसपास थी, जो 2020 के अंत तक बढ़कर 250 अरब डॉलर से ज्यादा हो जाएगी।
डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार का असर विभिन्न क्षेत्रों में होगा। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार डिजिटल इकोनॉमी में इंजीनियरिंग, कंप्यूटर, मैथमेटिकल और मार्केटिंग स्किल वालों के लिए नौकरियां बढ़ेंगी। कई इंडस्ट्री में अलग-अलग स्पेशलाइजेशन वाले प्रोफेशनल की जरूरत होगी। लेकिन कुछ ऐसी जॉब प्रोफाइल हैं, जिनमें प्रोफेशनल की मांग ज्यादा रहने की संभावना है। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, आईटी में हाई और मिड्ल स्किल जॉब वाले प्रोफेशनल, वेब डेवलपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग और यूआई डिजाइनिंग जैसे क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर होंगे। इसमें जरूरी कोर स्किल की बात की जाए, तो कंप्यूटर आईटी स्किल और मैनेजमेंट स्किल की मांग तो रहेगी ही, साथ ही एनालिटिकल स्किल वाले प्रोफेशनल की मांग इसमें तेजी से बढ़ने की संभावना है।