साभार: जागरण समाचार
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि तत्काल तीन तलाक पर नया विधेयक लाया जाएगा। पुराना विधेयक लोकसभा भंग होने के बाद समाप्त हो गया था। फिलहाल तत्काल तीन तलाक पर रोक लगाने का
अध्यादेश लागू है, लेकिन संसद सत्र आने वाला है ऐसे में अध्यादेश को कानून का रूप देने के लिए संसद से विधेयक पास कराना जरूरी है। न्यायाधीशों की नियुक्ति मामले में उन्होंने कहा कि कानून मंत्रलय और कानून मंत्री महज पोस्ट ऑफिस नहीं हैं, बल्कि भागीदार हैं।
एक बार फिर कानून मंत्रलय का कार्यभार ग्रहण करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भागीदार की तरह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट से परामर्श के जरिये न्यायाधीशों की नियुक्ति में तेजी लाई जाएगी। उनका मंत्रलय महज पोस्ट ऑफिस नहीं है बल्कि एक पक्ष है और परामर्श के जरिये नियुक्तियों को गति दी जाएगी, के काफी मायने हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह कोलेजियम का पूरा सम्मान करते हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति की कई सिफारिशें सरकार ने कोलेजियम को पुनर्विचार के लिए लौटाई थीं। अपनी प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए रविशंकर ने अधीनस्थ अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में ऑल इंडिया ज्यूडीशियल सर्विस के लिए सभी पक्षकारों से विचार-विमर्श में तेजी लाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि न्यायपालिका में अच्छे लोग आएं और चयन मेरिट के आधार पर हो। समाज का वंचित तबका भी इसमें मेरिट के आधार पर शामिल हो। मालूम हो कि निचली अदालतों में भी न्यायाधीशों के बहुत से पद खाली पड़े हैं। प्रसाद ने कहा कि त्वरित न्याय, सबकी न्याय तक पहुंच और न्यायपालिका में ढांचागत संसाधन बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता में है। उनकी सरकार ने सबसे ज्यादा संख्या में न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। उन्होंने कानूनी शिक्षा और कानून में शोध को बढ़ावा देने के साथ ही वकीलों के लिए स्वास्थ्य बीमा और कल्याण की योजनाएं लाने पर भी विचार करने की बात कही। मध्यस्थता के जरिये विवादों के निपटारे और भारत को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराया।
अनुच्छेद 370 और 35ए गृह मंत्रलय का मुद्दा: प्रसाद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधान अनुच्छेद 370 और 35ए के बारे में पूछे गए सवाल को यह कहते हुए टाल दिया कि यह मुद्दा गृह मंत्रलय के क्षेत्रधिकार में आता है।
राममंदिर का कानूनी मुद्दा जल्द निपटना चाहिए: अयोध्या में राम मंदिर के बारे में सरकार के नजरिये पर पूछे गए सवाल पर प्रसाद ने कहा कि वह पहले भी कहते आए हैं कि इस मामले में कानूनी मुद्दे का जल्द निपटारा होना चाहिए।
स्मृति ईरानी और अजरुन मुंडा ने भी संभाला कार्यभार: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से हराने वाली स्मृति ईरानी ने सोमवार को महिला एवं बाल विकास मंत्रलय का कार्यभार ग्रहण किया। दूसरी तरफ अजरुन मुंडा ने भी जनजातीय मंत्रलय का कार्यभार संभाला। मुंडा ने सोमवार से ही जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं की समीक्षा करना शुरू कर दिया। इस बारे में उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक और विचार-विमर्श किया।