साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नए राजनीतिक समीकरणों का माहौल बन रहा है। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला द्वारा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा की तारीफ करने से प्रदेश में
नई राजनीतिक अटकलों को हवा मिली है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जिस तरह से एकतरफा जीत मिली और विपक्ष को करारी हार का सामना करना पड़ा, उसे देखकर लग रहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के सामने महागठबंधन खड़ा किया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव में इनेलो से अलग होकर अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन था। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने आखिर तक प्रयास किया कि कांग्रेस को भी इस गठबंधन का हिस्सा बना लिया जाए। शुरू में हालांकि जजपा संरक्षक दुष्यंत चौटाला इसके हक में नहीं थे, लेकिन भाजपा को शिकस्त देने की मंशा से आखिर में वे तैयार हो गए। मगर कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के कारण महागठबंधन की नींव नहीं पड़ सकी, जिसका नतीजा हार के रूप में सामने आया। हरियाणा में भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी और बसपा के बीच भी गठबंधन था, लेकिन यह गठबंधन उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं दे पाया। अब यह गठबंधन टूट गया है। इनेलो का प्रदर्शन सबसे खराब रहा, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कु. सैलजा और अशोक तंवर समेत कांग्रेस के तमाम दिग्गज चुनाव हार गए। राज्य की सभी दस लोकसभा सीटों पर भाजपा ने एक तरफा जीत हासिल की। प्रदेश में 90 विधानसभा सीटों में से 79 पर भाजपा ने भारी भरकम जीत दर्ज कराई है, जबकि दस सीटों पर कांग्रेस और एक पर जजपा अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकी।
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के इन नतीजों से भाजपा खासी उत्साहित और विपक्षी दल बेहद निराश हैं। हालांकि सभी दल नए जोश के साथ विधानसभा चुनाव में जुटने का दावा कर रहे हैं। जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में सजा काट रहे इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला इस समय पैरोल पर हैं। चौटाला हर जिले में जा रहे और नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अपने पोते दुष्यंत चौटाला पर खुला हमला बोल रखा है, जबकि कांग्रेस के प्रति उनकी भाषा काफी नरम है।
कांग्रेस-इनेलो और बसपा के बीच गठबंधन की कवायद: चौटाला का हाल ही में दीपेंद्र सिंह हुड्डा की हार पर दिया गया बयान सोशल मीडिया पर खासा प्रसारित हो रहा है। चौटाला ने आश्चर्य जताया था कि नरम स्वभाव के दीपेंद्र सिंह हुड्डा को भी रोहतक में हार का सामना करना पड़ गया और ऐसा व्यक्ति जीत गया, जिसका रोहतक से कोई ताल्लुक नहीं है। चौटाला के इस बयान के सभी अपने-अपने ढंग से अर्थ निकाल रहे हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चौटाला के बयान को अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा पर बुजुर्ग के आशीर्वाद के तौर पर लिया, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में कांग्रेस और इनेलो के बीच गठबंधन की खिचड़ी पक सकती है। अब चूंकि बसपा और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी का गठबंधन भी टूट चुका है तो ऐसे में कांग्रेस, बसपा और इनेलो के गठबंधन से इन्कार नहीं किया जा सकता।
महागठबंधन के लिए पहल का इंतजार कर रहे राजनीतिक दल: अभय सिंह चौटाला हालांकि कांग्रेस पर हमलावर होने का कोई मौका नहीं चूकते, लेकिन जिस तरह से जजपा और आप गठबंधन कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार हो गया था, उसी तरह इनेलो व कांग्रेस के बीच गलबहियां होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। बसपा का इनेलो से पहले भी गठबंधन रह चुका है। राजनीतिक विश्लेषकों का यहां तक कहना है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, आप, इनेलो, बसपा और जजपा मिलकर महागठबंधन तैयार कर सकते हैं। इसके लिए किसी एक नेता द्वारा पहल किए जाने की राह तकी जा रही है।