साभार: जागरण समाचार
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का क्रूर चेहरा फिर दुनिया के सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वियतनाम में हुई वार्ता नाकाम रहने के कारण किम ने अपने पांच अधिकारियों की जान ले
ली। गत मार्च में उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के पास स्थित मिरिम एयर फील्ड में इन अधिकारियों को गोलियों से छलनी कर दिया गया। इनमें अमेरिका में उत्तर कोरिया के विशेष दूत किम ह्योक चोल और विदेश मंत्रलय के चार अधिकारी शामिल हैं। एक दक्षिण कोरियाई अखबार ने यह दावा किया है। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इन लोगों पर किम को धोखा देने और देश के खिलाफ जासूसी करने का आरोप लगाया गया था।
पिछले साल सिंगापुर में ट्रंप के साथ पहली बैठक के दौरान किम ने परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी। इसके बाद इस साल फरवरी में वियतनाम की राजधानी हनोई में हुई उनकी दूसरी बैठक बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई थी। किम उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे थे जिसे ट्रंप ने खारिज कर दिया था। इसे किम की नाकामयाबी के तौर पर देखा जा रहा था। फिलहाल किम ने समझौते के लिए अमेरिका को दिसंबर तक का वक्त देने की बात की है। समझौता नहीं होने की स्थिति में किम ने भविष्य में कोई वार्ता नहीं करने की धमकी दी है।
वार्ता से कुछ हफ्ते पहले ही विशेष दूत बनाए गए थे चोल: चोल को वियतनाम वार्ता से कुछ हफ्ते पहले ही अमेरिका में उत्तर कोरिया का विशेष दूत बनाया गया था। उन्होंने ट्रंप के विशेष दूत स्टीफन बीगन से बातचीत कर किम और ट्रंप की दूसरी बैठक की जमीन तैयार की थी। लेकिन वे किसी समझौते का खाका तैयार करने में असफल रहे थे।
कई अधिकारी जेल में बंद: अखबार के मुताबिक उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के उपाध्यक्ष और वार्ता से पहले कूटनीतिज्ञ के तौर पर ह्वाइट हाउस भेजे गए किम योंग चोल को भी जेल में डाल दिया गया है। जेल में उनसे मजदूरी कराई जा रही है। ह्योक के साथ योंग भी किम और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया मुलाकात में अनुपस्थित थे। इसके बाद से ही उनको लेकर अटकलें लग रही थीं। बताया जा रहा है कि किम-ट्रंप बैठक में मध्यस्थता कर रही टीम में शामिल किम सोंह हाई भी जेल में हैं। बैठक के दौरान अनुवाद में गलती करने के लिए किम जोंग उन के अनुवादक को भी जेल में डाल दिया गया है।
पहले भी कई अधिकारियों को दी गई है सजा: किम ने सात साल पहले देश की सत्ता संभाली थी। उसके बाद से वह अपने पिता किम जोंग द्वितीय के लिए काम करने वाले कई उच्च अधिकारियों को या तो हटा चुके हैं या उन्हें मौत की सजा दे चुके हैं। 2013 में किम ने अपने फूफा जांग सैंग थेक को भी भ्रष्टाचार और तख्तापलट की साजिश के आरोप में मौत की सजा दी थी।