Monday, June 3, 2019

हरियाणा में मिशन-80 की राह चली भाजपा, जिताऊ चेहरों पर दांव

साभार: जागरण समाचार  
लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें जीतने के बाद भाजपा ने अब विधानसभा चुनाव की ओर रुख कर लिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 79 पर जीत हासिल कर विपक्षी
दलों के सामने कड़ी चुनौती पेश की है। कांग्रेस मात्र 10 सीटों पर जीत दर्ज करा सकी, जबकि जननायक जनता पार्टी को केवल एक सीट पर बढ़त मिली।
लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित भाजपा का टारगेट अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कम से कम 80 सीटें जीतने का है। भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रभारी कलराज मिश्र ने हालांकि 90 की 90 विधानसभा सीटें जीतने का मंत्र कार्यकर्ताओं को दिया है, लेकिन पार्टी का मानना है कि यदि 80 सीटों पर जीत हासिल हो गई तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 47 सीटें जीतकर पहली बार अपने बूते पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।
प्रदेश के तमाम विपक्षी दल लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग-अलग होने की दुहाई देकर भाजपा को घेरने का दम भर रहे हैं, लेकिन बिखरे विपक्ष के लिए यह आसान नजर नहीं आ रहा है। पिछले चुनाव में 17 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर खिसक गई, जबकि वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के नारनौंद हलके में जजपा के दुष्यंत चौटाला सबसे आगे रहे हैं।
भाजपा लोकसभा चुनाव में नारनौंद के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हलके गढ़ी सांपला किलोई, गीता भुक्कल के झज्जर, आनंद सिंह दांगी के महम, रघुबीर सिंह कादियान के बेरी, जयवीर वाल्मीकि के खरखौदा, श्रीकृष्ण हुड्डा के बरौदा, जाकिर हुसैन के नूंह, नसीम अहमद के फिरोजपुर ङिारका और रहीश खान के पुन्हाना हलके में पीछे रही है। हालांकि आजाद विधायक रहीश खान भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
हारे हुए 11 हलकों के लिए दमदार चेहरों की तलाश: भाजपा का फोकस इन सभी 11 हलकों में मजबूत उम्मीदवार देकर जीत हासिल करने पर रहेगा।भाजपा जिन 79 हलकों में चुनाव जीती है, वहां भी दोबारा से उन्हीं उम्मीदवारों पर दांव खेला जाएगा, जो जीतने की स्थिति में होंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मोदी के नाम का बड़ा आसरा मिला था, जिसकी संभावना विधानसभा चुनाव में कम है।
विरोध शांत नहीं कर पाए तो कटेंगे विधायकों के टिकट: विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा का चेहरा होंगे। दमदार जीत हासिल करने के लिए पार्टी को उन विधायकों के टिकट काटने से कोई गुरेज नहीं होगा, जिनका फील्ड में विरोध है। पार्टी के अंदरूनी सर्वे में करीब डेढ़ दर्जन विधायकों के प्रति विरोध के स्वर उभरने की रिपोर्ट सामने आई है। यदि अगले तीन माह में इन विधायकों ने फील्ड में जनता के आक्रोश को शांत नहीं किया तो उनके टिकट कटना तय है।
  • भाजपा ने पिछले चुनाव में सात लोकसभा सीटें जीती थी और 52 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल करते हुए 47 सीटों पर जीत का झंडा गाड़ा था। इस बार सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने के साथ ही भाजपा ने 79 सीटों पर शानदार बढ़त बनाई है, जो कि विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से भी आगे की सरकार बनाने के संकेत हैं। भाजपा ने इस बार उत्तर हरियाणा के साथ-साथ मध्य और दक्षिण हरियाणा में भी अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की है। पार्टी चुनावी मोड में है। संगठन और सरकार के बीच तालमेल बनाकर चुनाव की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। - सुभाष बराला, अध्यक्ष, हरियाणा भाजपा।