साभार: जागरण समाचार
राजग-2 सरकार में जहां मंत्रिपरिषद के कई चेहरे बदल गए हैं, वहीं क्रियान्वयन के स्तर पर भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। शुक्रवार को हुए विभागों के बंटवारे में स्पष्ट हो गया कि जमीनी स्तर पर बदलाव की सोच
अब और तेज होगी। अमित शाह को गृह मंत्रलय का जिम्मा मिला है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा को लेकर और कड़े फैसले होंगे। राजनाथ सिंह को इस बार रक्षा मंत्रलय की जिम्मेदारी दी गई है। सभी मंत्रालयों के आवंटन की आधिकारिक सूची यहाँ देखिए
विदेश मंत्रलय का जिम्मा पूर्व सचिव एस. जयशंकर को देने का खास महत्व है। वित्त मंत्रलय को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म था। अरुण जेटली के स्वास्थ्य कारणों से जिम्मेदारी लेने से मना करने के बाद पीयूष गोयल सबसे आगे माने जा रहे थे। लेकिन यह मंत्रलय पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को दिया गया है। वह देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं। हालांकि उनसे पहले प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने 1970-71 के बीच वित्त मंत्रलय अपने पास रखा था। खास बात यह है कि देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री होने का गौरव भी निर्मला सीतारमण को हासिल है। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए दो वर्ष तक रक्षा मंत्रलय भी अपने पास रखा था।
सीसीएस का स्वरूप बदला: जाहिर है कि नई सरकार में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) का स्वरूप बदल गया है। अब इसमें अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर होंगे।
दो नए मंत्रलय गठित: जमीनी स्तर पर जल संसाधन, गंगा व पेयजल को मिलाकर जल शक्ति मंत्रलय और पशुधन, दुग्ध व मत्स्य के नाम से अलग मंत्रलय के गठन को भी अहम कदम माना जा सकता है। इससे सरकार की प्राथमिकता भी स्पष्ट हो गई है। गंगा पुनरुद्धार मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी, लेकिन कई कारणों से यह पूरी तरह परवान नहीं चढ़ सकी। इस बार प्रधानमंत्री ने अलग एक कैबिनेट मंत्री इसके लिए लगा दिया है। राजस्थान से आने वाले तेजतर्रार गजेंद्र सिंह शेखावत को जल शक्ति मंत्रलय की जिम्मेदारी दी गई है। इसी मंत्रलय में जल संसाधन और पेयजल विभाग को भी मिला दिया गया है ताकि जल से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रहे।
अनुभवी मंत्री के साथ युवा जोश: फिलहाल कुछ चेहरों को कई बड़े मंत्रलयों की इकट्ठा जिम्मेदारी भी मिली है, माना जा रहा है कि भविष्य में कैबिनेट विस्तार के साथ इसे दुरुस्त किया जाएगा। इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि हर मंत्रलय में अनुभवी मंत्री के साथ युवा मंत्री का जोश जोड़ा जाए।